उत्तराखण्डदेहरादून

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा, हैस्को गांव शुक्लापुर में बनेगा नेचर पार्क , जल संवर्धन के कार्य को सराहा

जल छिद्रों के माध्यम से नदी की सहायक नदी को किया पुनर्जीवित
कहा  , देश-दुनिया के लिए एक मॉडल बनेगा शुक्लापुर क्षेत्र 
46हैक्टेयर में 2.55 करोड़ से बनेगा नेचर पार्क
 देहरादून।प्रकृति के संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यों का अवलोकन करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को हैस्को गांव शुक्लापुर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हैस्को के संस्थापक पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी द्वारा इस क्षेत्र में प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। जल छिद्रों के माध्यम से जल संचय की दिशा में अच्छा कार्य किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह क्षेत्र आने वाले समय में केवल प्रदेश के लिए ही नहीं देश-दुनिया के लिए भी एक मॉडल बनेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी करने होंगे। मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि शुक्लापुर में जो नेचर पार्क बनाया जाएगा इसमें प्रकृति प्रदत्त चीजों का उपयोग किया जायेगा। इसे एक मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा। पर्यावरण प्रेमियों एवं शोधार्थियों के लिए यह नेचर पार्क बहुत उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी और इकोलॉजी में संतुलन बना रहे, इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। प्रकृति के प्रति जागरूक होने के साथ ही हमें अन्य लोगों को भी जागरूक करना होगा। पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ ही हमें प्रकृति प्रदत्त चीजों का सही तरीके से उपभोग करना होगा। इस अवसर पर महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी प्रो. कला चंद सेन, डी.एफ.ओ देहरादून नितीश मणि त्रिपाठी एवं पर्यावरण से जुड़े अन्य लोग उपस्थित थे।
आसन नदी की सहधारा सूखने पर  आया  जल छिद्र बनाने का विचारः डॉ.जोशी
देहरादून। हैस्को के संस्थापक पदम भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि 2010 में जब इस क्षेत्र से जुड़ी हुई छोटी नदी जो आसन की सहधारा भी है वह सूखने लगी तो सूखती नदी की वापसी संभव करने का विचार आया। डॉ.जोशी ने बताया कि वन विभाग व हेस्को ने आपसी भागीदारी जुटाई जल छिद्रों को बनाने का कार्य किया। प्रति हेक्टेयर लगभग 300 जल छिद्रों ने पानी को इकट्ठा करना शुरू किया। करीब पूरे 44 एकड़ में विभाग और हैस्को की भागीदारी से जब यह कार्य हुआ तो दूसरे ही वर्ष पानी की वापसी आसन गंगा में हो गई। अनेक वन्यजीव साही, जंगली सुअर, हिरन और लैपर्ड यहां आने लगे। यहाँ चिड़ियाओं की अभी 100 से भी अधिक प्रजातियां हैं।वन विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि शुक्लापुर क्षेत्र में लगभग 46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनने वाले इस नेचर पार्क की अनुमानित लागत 2 करोड़ 55 लाख रूपये है। इसमें पूरे नेचर पार्क में फैनसिंग और चेनिंग, ईको फ्रेंडली गेटों का निर्माण, ईको हट्स, इंटर लॉकिंग टाइल्स एवं अन्य कार्य किये जायेंगे।

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