रविवार की रात होने जा रही अद्भुत खगोलीय घटना, देखी जा सकेगी आसमानी आतिशबाजी
नैनीताल: रविवार को आसमान में अद्भुत खगोलीय घटना होने जा रही है। इसका नाम पार्शिड मेटियोर शॉवर ( उल्कापात) है। यह खगोलीय घटना वर्ष की सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ शशिभूषण ने बताया कि पार्शिड उल्कापात का चरम पहुचने का क्रम शुक्रवार से शुरू हो गया है, मगर शनिवार को उल्कावृष्टि की संख्या कुछ अधिक बढ़ जाएगी और रविवार को पूर्ण रूप से चरम पर पहुच जाएगा। जिसमें प्रति घंटा 90 से अधिक आसमानी आतिशबाजी नजर आने की संभावना रहेगी। यह उल्कापात वर्ष का सर्वश्रेष्ट रोमांचक खगोलीय घटना मानी जाती है। जिस कारण खगोल प्रेमियों को हर वर्ष बेसब्री से इंतजार रहता है। भोर से पहले इस घटना को बखूबी देखा जा सकेगा। क्योंकि तब चंद्रमा छिप चुका होगा और आसमान घुप अंधेरे मे डूबा रहेगा। खगोलीय घटनाओं में उल्का वृष्टि सर्वाधिक रोमांचक मानी जाती है। यह खगोलीय घटना हर वर्ष इसी दौरान होती है। हालाकि साल मे उल्का वृष्टि कई बार देखने को मिलती हैं, लेकिन उनमें उल्काओं की संख्या कम होती है। आम तौर पर इसे टूटता तारा कहा जाता है, जो भ्रामक है। यह घटना आसमान मे विचरते उल्काओं के पृथ्वी के वातावरण में टकराने की वजह से होती है।
इसी दिन हमारे सौर मंडल का सर्वाधिक खूबसूरत ग्रह शुक्र पृथ्वी व सूर्य के बीच पहुचने जा रहा है। पिछली बार यह संयोग 9 जनवरी, 2022 को हुआ था। वैज्ञानिक भाषा में इस खगोलीय घटना को अवर संयोजन के नाम से जाना जाता है। जिस समय यह संयोग होगा, तब दिन का समय होगा। लिहाजा दूरबीन के जरिये ही तकनीक का ध्यान रखते हुए इस घटना को सावधानी के साथ देखा जा सकेगा। सोलर फिल्टर का सहारा लेना जरूरी होगा। इस घटना में शुक्र सूर्य के दक्षिण किनारे पर 7.7 डिग्री से अपने पथ पर आगे बढ़ जाएगा।