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सीएमओ  डॉ संजय जैन ने  खामियां मिलने पर सीएमआई  और कनिष्क हॉस्पिटल पर 10-10 हजार  का जुर्माना लगाया,  3 दिन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में चेक या डीडी के माध्यम से जमा करने को कहा 

देहरादून । जिलाधिकारी  सोनिका के गत दिवस जनपद अवस्थित चिकित्सालयों में किए  औचक निरीक्षण के दौरान खामियां पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ संजय जैन ने  चिकित्सा अधीक्षक/प्रबंधक/ पैथोलॉजी लैब इंचार्ज सीएमआई एवं कनिष्क चिकित्सालय के विरूद्ध उत्तराखण्ड महामारी अधिनियम 1897 (मलेरिया एवं डेंगू ) विनयम 2017 एवं इस्टैब्लिस्मेन्ट एक्ट के तहत नोटिस प्रेषित करते हुए। 10-10 हजार का अर्थदंड की कार्यवाही करते हुए चेक / डी०डी० के माध्यम से तीन दिवस के भीतर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए है।  साथ ही चेतावनी दी  है कि  भविष्य में ऐसी पुनरावृति होने पर अधिनियम के तहत विधिक कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिये संबंधित चिकित्सालयों के चिकित्सा अधीक्षक/प्रबंधक/पैथोलॉजी लैब इंचार्ज स्वयं उत्तरदायी होंगे।
जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी, देहरादून द्वारा किए गए औचक निरीक्षण  के दौरान यह पाया गया कि इस चिकित्सालय में डेंगू से ग्रसित मरीजों  के लिए  आईसोलेशन वार्ड नहीं बनाये गये तथा चिकित्सालय में बेड पर लेटे डेंगू मरीजों  के लिए मच्छर दानी की व्यवस्था भी नहीं की गयी है।  चिकित्सालय में स्थापित पैथोलॉजी लैब का भी निरीक्षण किया जिसमें पाया गया कि मौके पर न तो पैथालॉजिस्ट मिला एवं न ही वहाँ पर उपस्थित लैब टेक्नीशियन द्वारा डेंगू जाँच सम्बन्धित कोई जानकारी दी गयी।
इन चिकित्सालयों की लैब में प्लेटलेट कॉउन्ट से सम्बन्धित इंस्ट्रूमेन्ट की रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं थी, न ही प्लेटलेट काउंट 20 हजार से नीचे आने पर उसकी क्रॉस  चैकिंग किसी अन्य एनएबीएल लैब से करवाये जाने के रिकॉर्ड मौके पर पाये गये जबकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी, देहरादून में समस्त पैथालॉजिस्ट की डेंगू से सम्बन्धित बैठक आहुत की गयी थी और जिसमें डेंगू से सम्बन्धित जाँचों की रेन्डम क्रॉस चैंकिग की जानी थी, जो कि  नहीं की गयी जबकि जिला स्तरीय निगरानी समिति द्वारा भी चिकित्सालयों का निरीक्षण कर दिशा-निर्देश दिये गये थे।
जिलाधिकारी  सोनिका द्वारा चिकित्सालय में  जांच के लिए  मजिस्ट्रेट नामित करने तथा प्रत्येक मजिस्ट्रेट के  साथ चिकित्सक नामित करने के भी निर्देश दिए। साथ ही निर्देशित किया कि डेंगू में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सालयों एवं लैब्स पर निर्धारित अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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