उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने किया परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर धन सिंह थापा द्वार निर्माण का भूमि पूजन, कहा , शहीदों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य
देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को देहरादून डाकरा गढ़ी कैंट में परमवीर चक्र से अलंकृत मेजर धन सिंह थापा के द्वार का भूमिपूजन विधि विधान पूर्वक किया गया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि हंस फाउंडेशन के द्वारा इस शहीद द्वार का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा हंस फाउंडेशन द्वारा समय समय पर प्रदेश में कई सामाजिक कार्यों में अहम भूमिका निभाता रहा है। उन्होंने कहा शीघ्र ही इस शहीद द्वार का निर्माण किया जाएगा। मंत्री जोशी ने हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला का सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट किया। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीदों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शहीदों के सम्मान और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इस अवसर पर गोरखाली सुधार सभा अध्यक्ष पदम थापा, मंडल अध्यक्ष ज्योति कोटिया, पूनम नौटियाल, संध्या थापा, विष्णु गुप्ता, मीनू क्षेत्री, आशीष शर्मा सहित कई लोग उपस्थित रहे।
मेजर थापा ने 1962 के चीन युद्ध में दिया शौर्य और बहादुरी का परिचय
ज्ञात हो कि भारत द्वारा अधिकृत विवादित क्षेत्र में बढ़ते चीनी घुसपैठ के जवाब में भारत सरकार ने फॉरवर्ड पॉलिसी को लागू किया। योजना यह थी कि चीन के सामने कई छोटी-छोटी पोस्टों की स्थापना की जाए । चीन-भारतीय युद्ध अक्टूबर 1962 में शुरू हुआ। 21 अक्तूबर को, चीनी ने पैनगॉन्ग झील के उत्तर में सिरिजैप और यूल पर कब्जा करने के उद्देश्य से घुसपैठ शुरू की थी। सिरिजैप 1, पांगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर 8 गोरखा राइफल्स की प्रथम बटालियन द्वारा स्थापित एक पोस्ट थी जो मेजर धन सिंह थापा की कमान में थी। जल्द ही यह पोस्ट चीनी सेनाओं द्वारा घेर ली गई थी। मेजर थापा और उनके सैनिकों ने इस पोस्ट पर होने वाले तीन आक्रमणों को असफल कर दिया। मेजर थापा सहित बचे लोगों को युद्ध के कैदियों के रूप में कैद कर लिया गया था। अपने महान कृत्यों और अपने सैनिकों को युद्ध के दौरान प्रेरित करने के उनके प्रयासों के कारण उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।