उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सपत्नीक किए गंगोत्री धाम के दर्शन, मंदिर एवं गंगा तट पर पूजा अर्चना कर राष्ट्र के उत्थान एवं लोक कल्याण की कामना, उत्तराखंड के राज्यपाल रहे साथ
उत्तरकाशी ।उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सपत्नीक गंगोत्री धाम के दर्शन कर गंगोत्री मंदिर एवं गंगा तट पर पूजा अर्चना कर राष्ट्र के उत्थान एवं लोक कल्याण की कामना की। इस दौरान राज्यपाल ले.जन. (से.नि.) गुरमीत सिंह भी साथ रहे।
उप राष्ट्रपति धनखड़ और उनकी पत्नी डा. सुदेश धनखड़ गुरुवार को दोपहर बाद वायुसेना के हेलिकॉप्टर से हर्षिल हेलीपैड पहुँचे। जहाँ पर राज्यपाल गुरमीत सिंह, गंगोत्री क्षेत्र के विधायक सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी,सेना की 11 जेकेलाई के कर्नल सनी जुनेजा, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, अपर जिलाधिकारी तीर्थ पाल सिंह, उपजिलाधिकारी भटवाड़ी चतर सिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह राणा,उपाध्यक्ष हरीश डंगवाल, भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष खुशहाल सिंह नेगी एवं जिलाध्यक्ष भगवान सिंह राणा, भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र सिंह तथा बगोरी की प्रधान सरिता रावत आदि ने उप राष्ट्रपति का स्वागत किया।
उप-राष्ट्रपति अपराह्न 2 बजे सड़क मार्ग से गंगोत्री धाम पंहुचे। गंगोत्री आगमन पर तीर्थपुरोहितों एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ ही मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों तथा स्थानीय निवासियों ने उप राष्ट्रपति का परंपरागत तरीके से स्वागत किया।
उप राष्ट्रपति धनखड़ एवं उनकी पत्नी ने गंगोत्री मंदिर के दर्शन कर विशेष पूजन और अभिषेक कर गंगा का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसी के साथ उन्होंने राज्यपाल के साथ गंगा तट पर जाकर पूजन कर देश की प्रगति व लोक मंगल की कामना की।
उपराष्ट्रपति गंगोत्री हिमालय क्षेत्र के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य और देवनदी गंगा की अविरल और निर्मल धारा के दर्शन से काफी अभिभूत दिखे। इस दौरान राज्यपाल ने उपराष्ट्रपति को इस सीमांत क्षेत्र की विशिष्टताओं से भी अवगत कराया।
गंगोत्री धाम में श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल, सुरेश सेमवाल, महेश सेमवाल, संजीव सेमवाल, मुकेश, मनु, कमलनयन, माधव सेमवाल आदि तीर्थपुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा संपन्न करवाई।
उप राष्ट्रपति के आगमन पर जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला एवं क्षेत्रीय विधायक सुरेश चौहान के द्वारा स्मृति चिन्ह, शॉल एवं स्थानीय उत्पाद तथा हर्षिल क्षेत्र का बहु प्रसिद्ध सेब भेंट किया गया।