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गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के 35 वें दीक्षांत समारोह :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मेधावी छात्र-छात्राओं को उपाधि और पदक देकर किया सम्मानित,कहा -पदक धारकों में बेटियों की संख्या ज्यादा देखते हुए हो रही खुशी

शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कुल 1041 यूजी, पीजी और पीएचडी धारकों को दी गई डिग्री
नेहा बिष्ट  कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित 
कुलाधिपति राज्यपाल, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट और कृषि मंत्री जोशी रहे समारोह में मौजूद
रुद्रपुर: गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के 35 वें दीक्षांत समारोह में उपाधि और पदक धारकों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के पदक धारकों में बेटियों की संख्या अधिक देखते हुए खुशी हो रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु एक वर्ष में लगभग 50 विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। सभी विश्वविद्यालय में उपाधि धारकों में बेटियों की संख्या ज्यादा रही। यह सुखद बदलाव विकास पथ पर बढ़ते हुए भारत को प्रदर्शित करता है।
राष्ट्रपति ने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में सर्वाेत्तम स्नातक होने के उपलक्ष्य में नेहा बिष्ट को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। इसके साथ ही शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कुल 1041 यूजी, पीजी और पीएचडी धारकों को डिग्री दी गई।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में पंत ई-ऑफिस की शुरुआत से विश्वविद्यालय की प्रशासनिक गतिशीलता, कार्यकुशलता बढ़ेगी वहीं वित्तीय कार्यों में पारदर्शिता और अधिक निगरानी की जा सकेगी। भविष्य में ई-ऑफिस को ई-फार्मिंग से जोड़े जाने की भी योजना है। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से किसानों को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान मिलेगा।
लगातार शोध और विकास से कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने में कृषि विश्वविद्यालय देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी उत्कृष्टता का केंद्र बन गया है। यहां 5 स्टोरी वर्ल्ड क्लास लाइब्रेरी में 4.5 लाख से अधिक किताबें और रीडिंग मटेरियल है और ये सभी रीडिंग मटेरियल डिजिटाइज्ड फॉर्म में भी उपलब्ध है। हाल ही में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा, विभिन्न दलहनों की सात नई किस्में, देश के विभिन्न भागों के लिए विकसित गई जो कि बधाई के पात्र है। पूरे भारतवर्ष में दलहन की कुल 21 किस्मों में से 07 किस्म पंतनगर के वैज्ञानिकों ने विकसित की है जो अपने आप में मिसाल है। विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों की 346 उन्नत किस्म एवं पशुओं की दो नस्लें कृषक समुदाय के लिए समर्पित की है।  इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, कुलपति डॉ. एम. एस. चौहान, मंडलायुक्त दीपक रावत, डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत, डीएम उदयराज सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, पंकज भट्ट सहित अन्य अधिकारी व कॉलेज के प्रोफेसर और डिग्रीधारक मौजूद

देश में हरित क्रांति लाने में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का रहा विशेष योगदान : राज्यपाल 
कुलाधिपति/राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने  कहा कि देश में हरित क्रांति लाने में, इस विश्वविद्यालय का विशेष योगदान रहा है, जिसके फलस्वरूप, हमारा देश खाद्यान्न उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भर बना है, बल्कि, आज हम कृषि उपज के प्रमुख निर्यातकों में से भी एक हैं। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का मूल आधार रही है। वर्ष 2022-23 के दौरान भारत में खाद्यान्नों का रिकार्ड उत्पादन 330.5 मिलियन टन रहा जोकि विगत वर्ष 2021-22 से 15 मिलियन टन अधिक था। इसके अलावा भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 50.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
उपाधि धारक देश एवं प्रदेश के विभिन्न पदों पर रहते हुए कृषि उत्पादन को बढ़ाने में करेंगे  सहयोग: जोशी 
कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज हर क्षेत्र में बेटियां अपना परचम लहरा रही है। उन्होंने कहा कि उपाधि धारक देश एवं प्रदेश के विभिन्न पदों पर रहते हुए कृषि उत्पादन को बढ़ाने में सहयोग करेंगे। श्री अन्न योजना को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल चुकी है। श्री अन्न स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद है। प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सके, इसके लिए भी सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। अब काश्तकारों के मंडुए को एमएसपी की दर पर सरकार द्वारा उनके घर से खरीद की जा रही है।

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