उत्तरकाशीउत्तराखण्ड

Uttarkashi Tunnel Accident:सिल्क्यारा रेस्क्यू में पहुंचा डीआरडीओ का रोबोट, निर्माणाधीन टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने  के लिए मिलेगी मदद

उत्तरकाशी। सिल्क्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने  के लिए डीआरडीओ का रोबोट पहुंच चुका है। बता दें कि जिस स्थान से हृयम पाइप के लिए श्रमिकों को निकालने के लिए रास्ता बनाया जा रहा वहां भूस्खलन का भारी का खतरा है। इसके लिए एक रोबोट की मांग की गई है। आपदा सचिव रणजीत सिन्हा ने रोबोट के लिए प्रयास किया और उसके बाद डीआरडीओ से रोबोट लाया गया  है।
गौरतलब डीआरडीओ भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का आर एंड डी विंग है, जो अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारत को सशक्त बनाने के लिए एक दृष्टि के साथ है, जबकि हमारे सशस्त्र बलों को आधुनिक तकनीकी लैस करता है। तीनों सेवाओं द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुसार-कला हथियार प्रणाली और उपकरण। डीआरडीओ ने आत्मनिर्भरता का पीछा किया और मिसाइलों की अग्नि और पृथ्वी श्रृंखला जैसे रणनीतिक प्रणालियों और प्लेटफार्मों के सफल स्वदेशी विकास और उत्पादन, हल्के लड़ाकू विमान, तेजस; मल्टी बैरल रॉकेट लांचर, पिनाका; वायु रक्षा प्रणाली, आकाश; रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली की एक विस्तृत श्रृंखला; आदि ने, भारत की सैन्य ताकत को क्वांटम जम्प दिया, जिससे प्रभावी निरोध पैदा हुआ और महत्वपूर्ण लाभ हुआ।
बलस्य मूलम् विज्ञानम-शक्ति का स्रोत विज्ञान है जो शांति और युद्ध में राष्ट्र को संचालित करता है। डीआरडीओ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में राष्ट्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने का दृढ़ निश्चय किया है, विशेषकर सैन्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में।

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