वायरल निमोनिया: सावधानी और सतर्कता बरतें ,बच्चों को सर्दी से बचाएं, गर्म कपड़े पहनाएं, सुबह स्कूल छोड़ने के समय पूरी तरह कवर करके ले जाएं, सर पर कैप लगाएं और मास्क पहनाएं
बाहर की चीजें खाने से रोंके, घर का बना पौष्टिक भोजन खिलाएं
सुबह और देर शाम के समय विशेष रूप से सावधान रहें ,
बच्चों को खुले में खेलने से बचाएं
निमोनिया के लक्षण होने पर चिकित्सक से सलाह लें, खुद सीधे दवाई देने से बचें,
परिवार के बड़ी उम्र के लोगों को लेकर भी रहें सतर्क,
सर्दी के असर से रखें सुरक्षित
एस.आलम अंसारी
देहरादून। सर्दी का आगमन पूरी तरह हो जाने के कारण इन दोनों उत्तराखंड में इन दिनों वायरल निमोनिया के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि बदलते मौसम के बीच उत्तराखंड में निमोनिया से जुड़े चीन के वायरस का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।
जिसने इस समय चीन में बच्चों को अपनी चपेट में ले रखा है। बाल रोग विशेषज्ञों ने बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए विशेष रूप से सलाह दी है।
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सतर्कता बरतते हुए हालांकि अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है। चिकित्सकों की तरफ से भी अभिभावकों को खास एडवाइजरी जारी की जा रही है। चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया का संकट बच्चों पर दिखाई दे रहा है। इन स्थितियों के बीच भारत भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लिए विशेष निगरानी रख रहा है।भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी के रूप में इसके लिए विशेष एहतियात बरतने के भी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि, भारत में अभी इस तरह के निमोनिया का बच्चों में कोई असर नहीं दिखाई दिया है। उत्तराखंड में वायरल निमोनिया के इस समय मरीज सामने आ रहे हैं।
राजधानी देहरादून में ही बाल चिकित्सकों के पास आने वाले बच्चों में निमोनिया से पीड़ित भी आ रहे हैं। पिछले 3 दिनों में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वायरल निमोनिया से पीड़ित 15 बच्चे भर्ती हुए हैं।
दून अस्पताल में हर दिन करीब बड़ी संख्या में बच्चे विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं, जिनमें निमोनिया की शिकायत से ग्रसित बच्चे भी अस्पताल आ रहे हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी बच्चों के निमोनिया की शिकायत के साथ पहुंचने के केस सामने आ रहे है।हालांकि, चिकित्सक मानते हैं कि यह चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया से कम घातक है। बाल रोग विशेषज्ञ माता पिता और अभिभावकों को बच्चों को लेकर सावधानी बरतनी की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि बच्चों को सर्दी से बचाएं ,पूरी तरह कवर करके रखें, गर्म कपड़े पहनाएं ।सुबह स्कूल ले जाते वक्त
पूरी तरह कवर करके ले जाएं। सर पर टोपी लगाएं और मास्क पहनाएं। बाहर की चीज खाने से रोंके और घर का बना पौष्टिक भोजन कराएं। परिवार के बड़ी उम्र के लोगों और बुजुर्गों को भी सर्दी के असर से सुरक्षित रखें।
बच्चे में निमोनिया के लक्षण होने पर रजिस्टर्ड प्रेक्टिसनर
या बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं: डॉ अशोक कुमार
दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ
अशोक कुमार का कहना हैं कि मौसम में आ रहे बदलाव के कारण बच्चों में इस तरह की शिकायतें देखी जा रही है। वायरल निमोनिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉ अशोक ने सलाह दी है कि अभिभावकों को ऐसी स्थिति में खुद से बच्चों को दवाई देने से बचना चाहिए।इस समस्या से ग्रसित बच्चों को फौरन चिकित्सकों को दिखाना चाहिए। बच्चों को खांसी-जुकाम से जुड़े लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकों को दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को खांसी, नजला ,जुकाम व बुखार होने पर रजिस्टर्ड प्रेक्टिसनर या बाल रोग विशेषज्ञ को ही दिखाएं। डॉ अशोक कुमार का कहना है कि अभी भारत में या उत्तराखंड में चाइना जैसा माइक्रो प्लाज्मा का कोई केस सामने नहीं आया है। इसलिए घबराएं नहीं बच्चों को लेकर सावधानी बरतें। उन्होंने बताया कि पिछले 3 दिनों में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वायरल निमोनिया से पीड़ित 15 बच्चे भर्ती हुए हैं।
——— आजकल उत्तराखंड में मौसम लगातार बदल रहा है और सर्दी का असर धीरे-धीरे भर रहा है। बदल के मौसम में बच्चों में निमोनिया की शिकायत हो रही है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निक्कू, पिकू और बच्चों के वार्ड पूरी तरह तैयार किए गए हैं। इस समय अस्पताल में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बच्चों के लिए 80 बेड आरक्षित है। जिन्हें जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है ।बच्चों को बदलते मौसम में धूल धुएं से बचाएं, ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं। पानी पीना कम ना करें। 5 साल तक के बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतें।
डॉ अनुराग अग्रवाल सीएमएस
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल
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बच्चों को गुनगुना पानी दें, स्कूल कवर करके ले जाएं
आजकल प्रदेश में लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है और लगातार ठंड बढ़ने की ओर है ।ऐसे में बच्चों को ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने को दें। बच्चों को सुबह में पूरी तरह कवर करके स्कूल ले जाएं। ठंड से बचाने के साथ ही हवा से भी बचाएं। बच्चों को मास्क लगाकर स्कूल ले जाएं, ताकि उनकी नोज कवर हो सके। बाहर की चीज खाने को ना दें । बच्चों को नॉनवेज भी खाने को ना दें तो बेहतर होगा। वायरल निमोनिया का लक्षण होने पर प्रिकॉशन ना लें । सर्दी के मौसम में बच्चों को अंडा और टमाटर का सूप नियमित रूप से दें। वायरल निमोनिया का असर सीधा चेस्ट पर होता है। जीरो और 5 साल तक के बच्चों को लेकर ज्यादा सतर्क रहें। बड़ी उम्र के लोगों में सांस, दमा और टीबी व गंभीर किस्म के मरीजों को विशेष रूप से सर्दी से बचा कर रखें। बच्चों को सुबह मॉर्निंग वॉक ना कराएं। देर शाम और रात के वक्त खुले आसमान में खेलने से रोकें
डॉ. शोएब अंसारी (एमडी मेडिसिन) वरिष्ठ फिजीशियन