भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी चौहान ने कहा, कांग्रेस सरकारों में रहा नकल और नौकरी बेचने का बोलबाला, कांग्रेस अध्यक्ष का मंदिर पर बयान स्वाभाविक और सनातन विरोधी
बोले, धामी सरकार ने एक वर्ष में 22 साल के मुकाबले ज्यादा रोजगार मुहैया कराया
कांग्रेस की रोजगार के मुद्दे पर निकाली गयी पद यात्रा और प्रदर्शन को आडंबर बताया
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस द्वारा रोजगार के मुद्दे पर निकाली गयी पद यात्रा और प्रदर्शन को आडंबर बताते हुए कहा कि अब पिछले 22 वर्षों मे जितना रोजगार मुहैया कराया गया, उससे अधिक एक वर्ष में धामी सरकार ने रोजगार मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि भर्तियों नकल हो या रिश्वत का मामला इसमें कांग्रेस का ट्रैक रिकार्ड खराब रहा है।
चौहान ने कहा कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) के अनुसार धामी सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में 6635 भर्ती की हैं, जबकि पिछले 22 वर्षों के दौरान 6869 भर्तियां ही हुई। अभी तक 3040 अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, जबकि 3595 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बखूबी जानती है कि उस दौरान नौकरियों को किस तरह से बाँट दी गयी और सारे मामले मे तत्कालीन सरकार भ्रष्टाचार को सरंक्षण देती रही। धामी सरकार ने बिना काल खंड के हर भर्ती की पारदर्शिता से जांच की और एसआईटी ने भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे धकेल दिया। तब उन मामलों को दबा दिया गया जिन पर अब जांच हुई और उनमे बड़ा घोटाला सामने आया। उन्होंने कहा कि जनता ने कांग्रेस को घोटालों की वजह से सबक सिखाया और पहले रोजगार बेचने वाली कांग्रेस अब बेरोजगारों के लिए रोजगार का नाटक कर रही है।
चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष के राम मंदिर अयोध्या को लेकर की गयी टिप्पणी को स्वाभाविक प्रतिक्रिया और सनातन विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर मे शिरकत के लिए देश विदेश से हर श्रद्धालु प्रतीक्षारत है, लेकिन वह इसे भी सियासत से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अदालत मे हलफनामा देकर राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस पहले भी मंदिर मामले मे रोड़े अटकाने मे प्रमुख रही है। हालांकि मंदिर मे आवाजाही किसी का भी अपना मत है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस को रोजगार के मुद्दे पर कुछ भी कहने का अधिकार नही है, क्योकि वह युवाओं के साथ छल करने मे आगे रही है। वहीं उसे सनातन का विरोध का भी अधिकार नही। अगर कांग्रेस का यही रवैया रहा तो उसे जनता की अदालत मे एक और निर्णय का सामना करना होगा और यह उसके लिए अस्तित्व का संकट होगा।