कैबिनेट मंत्री जोशी ने किया माउंट किलिमंजारो की चोटी पर तिरंगा लहराने जा रहे अंकित कुमार को हरी झंडी दिखाकर रवाना, बड़े अभियान की कामयाबी के लिए दी शुभकामनाएं,बढाया हौसला
साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो की ऊंचाई है 5895 मीटर,
उत्तराखंड के युवा पर्वतारोही को कैबिनेट मंत्री ने शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित
देहरादून। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आज कैंप कार्यालय में माउंट किलिमंजारो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी जिसकी ऊंचाई 5895 मीटर पर उत्तराखंड के अंकित कुमार भारती के तिरंगा लहराने के अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री जोशी ने अंकित कुमार को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनका शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से यह अभियान माउटेनियर अंकित कुमार द्वारा प्रारंभ किया गया है। जोशी ने कहा कि अंकित के पैर में रोड डली होने के बाद भी इनके द्वारा समर्पित होकर उस किलिमंजारो की चोंटी फतह करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि माउटेनियर अंकित कुमार युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। इस अवसर पर उन्होंने अभियान की सफलता के लिए पर्वतारोही अंकित कुमार को बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी।इस अवसर पर सचिव उत्तराखण्ड एथलेटिक्स के.जे.एस कलसी, अन्तरराष्ट्रीय कौच गुरफूलसिंह, उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह नेगी, सविंद्र सिंह, राष्ट्रीय कोच अवतार सिंह आदि उपस्थित रहे।
दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को श्रद्धांजलि प्रदान करना अभियान का उद्देश्य: अंकित कुमार
ज्ञात हो कि तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से उत्तराखंड के अंकित कुमार भारती द्वारा माउंट किलिमंजारो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर ,जिसकी ऊंचाई 5895 मीटर है। तिरंगा लहराने का फैसला लिया गया है। अंकित कुमार ने बताया कि इससे पहले सन 2019 में बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स व 2021 में एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग से ए ग्रेड के साथ पूर्ण किया है। वर्तमान में पर्वतारोही अंकित कुमार उत्तराखंड एथलेटिक एसोसिएशन से जुड़े हैं। अंकित ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित दिवंगत पर्वतारोही सविता कंसवाल को श्रद्धांजलि प्रदान करना है।
ज्ञात हो कि सन 2022 में साहसिक खेलों में अंकित कुमार के कुल्हे में स्टील की रोड डली है। इसके बावजूद भी उन्होंने पर्वतारोहण नहीं छोड़ा है। अंकित ने बताया कि इस अभियान को करने का उद्देश्य उत्तराखंड और भारत की युवाओं को संदेश देना है कि कितनी विपरीत परिस्थितियों हो हमें हिम्मत करनी चाहिए और जीवन में असंभव लक्ष्यों को संभव बनाना चाहिए। इस आरोहण के संपन्न होने से इस मेटल रोड के साथ किलिमंजारो चोटी पर जाने वाले पहले उत्तराखंड युवा भारतीय बनेंगे और उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन के पहले सदस्य होंगे जो इस अभियान को पूरा करेंगे।