उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की राष्ट्रीय कार्यशाला का दूसरा दिन : प्रदेश के शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ रावत ने कहा, बच्चों की सुरक्षा और बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा विभाग चला रहा कई अभियान और कार्यक्रम, आयोग के कार्यों को सराहा
दूसरे दिन मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री ,
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन आयोग अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना सहित कई लोगों ने महत्वपूर्ण विषय पर दिया व्याख्यान, बच्चों को लेकर साइबर क्राइम ,सुरक्षा और सड़क हादसों से बचाव पर दी गई जानकारी
देहरादून। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को द्वितीय सत्र का शुभारंभ प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने दी प्रज्वलन कर किया। इसकारी शाला में देश के 18 राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, सचिव व सदस्य सचिव प्रतिभाग कर रहे हैं।
मुख्य अतिथि प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आयोग की स्वयंसेवी संस्था प्लेन इंडिया के सहयोग से तैयार की गई पुस्तक डिजिटल मित्र लर्निंग मॉड्यूल का विमोचन किया ।इस मौके पर डॉक्टर रावत ने कहा कि बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों एवं बालको से संबंधित महत्वपूर्ण कानून बाल श्रम, बाल विवाह, शिक्षा का अधिकार, पोक्सो अधिनियम के साथ-साथ बाल कन्या समिति ,किशोर न्याय बोर्ड व मिशन वात्सल्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी के लिए यह संकलन बहुत ज्यादा लाभकारी सिद्ध होगा । डॉ रावत ने कहा कि प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं के विवाह पर पूर्ण रोक लगाई जाने पर जानकारी दी गई। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम से सभी को अवगत कराया गया और साथ ही उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुरोध पर राज्य के सभी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश कराया जाना अनिवार्य करते हुए सभी विद्यालयों में नशा मुक्ति उन्मूलन कार्यक्रम चलाए जाने को और गति देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बच्चों को नशे से बचने के लिए नशा मुक्ति अभियान सहित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम और अभियान चलाए जा रहे हैं। कार्यशाला में शिक्षा के तहत लिए जाने वाले फैसलों पर कार्रवाई का आश्वासन कैबिनेट मंत्री ने दिया। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से किए जा रहे अच्छे कार्यों के लिए उन्होंने आयोग अध्यक्ष व उनकी टीम को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री डॉ रावत वह आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने देश के विभिन्न राज्यों से आए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यशाला की दूसरे दिन के प्रथम सत्र में उपनिदेशक नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद आदित्य गोयनका ने सड़क दुर्घटनाओं से सुरक्षा और उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस के रविकांत सेमवाल ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनंत अस्थाना व को स्पीकर गजेंद्र नौटियाल बचपन बचाओ आंदोलन नई दिल्ली ने बाल श्रम और बाल विवाह विषय पर प्रस्तुतिकरण के साथ अपना व्याख्यान दिया और इस बारे में लोगों को जागरूक किया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में डीएसपी साइबर उत्तराखंड पुलिस अंकुश मिश्रा ने बच्चों को लेकर साइबर क्राइम और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। आदित्य सत्यार्थी फाऊंडेशन सीसीपीएफ,अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग डाॅ गीता खन्ना ने व्याख्यान दिया। कई अन्य लोगों ने भी अलग-अलग विषय पर अपने विचार रखे। आयोग अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने बताया कि कोविड महामारी के बाद राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बाद उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य है जो राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का इस तरह सफल आयोजन कर पाया है। कार्यशाला में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी, विनोद कपरवान, अजय वर्मा ,रेखा रौतेला ,आयोग सचिव प्रदीप सिंह रावत, अनु सचिव डॉ एसके सिंह, विधि अधिकारी ममता रौथान, नितिन राणा ,संदीप सकलानी, शांति भट्ट और विशाल चाचरा मौजूद रहे। कार्यशाला का संचालन अंजना गुप्ता व निशात इकबाल ने किया। मंगलवार को दूसरे दिन कार्यशाला के बाद सभी अतिथिगण परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने स्वामी चिदानंद महाराज के साथ संध्या आरती में भाग लिया।