प्रदेश के पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने दी जानकारी, पंचायतों के सशक्तिकरण को मिले 1651 करोड़
दो वर्षों में 1250 पंचायत भवनों का कराया गया निर्माण
1000 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर की स्थापना की गई
कुमाऊं मंडल के निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों व कार्मिकों की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
रूद्रपुर। पंचायतों के विकास और सशक्तिकरण के लिए 15वें वित्त आयोग से प्रदेश को अब तक टाइट फंड से 933 करोड, अनटाइट फंड से 718 करोड़ सहित कुल 1651 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है।
यह बात प्रदेश के पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने स्थानीय गांधी पार्क में शुक्रवार को राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत कुमाऊं मंडल के निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और कार्मिकों की दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही। महाराज ने कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है। 73वें संविधान संशोधन से एक सुनियोजित पंचायतीराज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार समाप्ति के लिए संकल्पबद्ध है। इसी उद्देश्य से क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किये जाने को हमारी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत संशोधन किये जाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा है। राज्य में बढ़ते प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन को 95 विकास खण्डों में 85 कॉम्पैक्टर्स स्थापित किये गये हैं। सरकार ने ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने की भी पहल की है।
महाराज ने कहा कि दो वर्षों में हमारी सरकार में 1250 पंचायत भवनों का निर्माण किया है और लगभग 400 का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। पंचायत भवनों में सीएससी सेण्टर के रूप में अब तक 250 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण किया जा चुका है। राज्य सेक्टर योजना व राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत कुल 1000 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर की स्थापना का कार्य किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि मसूरी हिल स्टेशन के समीप विकास खण्ड सहसपुर की क्यारकुली भट्टा ग्राम पंचायत में लगभग 15 करोड़ की लागत से मल्टीलेवल पार्किंग के साथ कैफेरिया के निर्माण को कार्यवाही चल रही है।
महाराज ने कहा कि ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500.00 से बढ़ाकर 3500.00 प्रतिमाह किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायतों के अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर विचाराधीन है। 2025 तक राज्य की अवशेष सभी 7795 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण व कम्प्यूटर की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है। 662 न्याय पंचायतों में स्थापित पंचायत भवनों को दीन दयाल उपाध्याय मिनी सचिवालय के रूप में विकसित किये जाने का लक्ष्य है।
जिला पंचायत राज अधिकारी निदेशालय पंचायतीराज पूनम पाठक, परामर्शदाता पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार मोहित गुप्ता, पूर्व वन संरक्षण अधिकारी कीर्ति सिंह,पूर्व निदेशक विश्वेश्वरैया सैनिटेशन एवं वाटर एकेडमी रांची अजीत कुमार ने आपदा प्रबन्धन में पंचायतों की भूमिका व ओएसआर विषय पर जानकारी दी।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शिव अरोरा, जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार, भाजपा जिला अध्यक्ष कमल जिंदल, जिला मंत्री अमित नारंग, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर संभल, सदस्य जिला पंचायत जगदीश विश्वास, पंचायतीराज विभाग के संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी-जिला पंचायतराज अधिकारी गौरव पाण्डेय, मनीष बिष्ट, अपर मुख्य अधिकारी तेज सिंह आदि उपस्थित थे।