देहरादून में गुलदार ने लोगों में फिर पैदा की दहशत, मालसी रेंज में 10 साल के बच्चे को बनाया निवाला, मौके पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम, हमले की बढ़ती घटनाओं पर मुख्यमंत्री धामी जता चुके गहरी चिंता
काफी खोजबीन के बाद बच्चे की डेड बॉडी हुई बरामद
देहरादून। राज्य में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी के रिहायशी इलाके में एक बार फिर गुलदार ने हमला किया है।
मालसी रेंज में गल्जवाड़ी में वन क्षेत्र के भीतर रह रहे गुर्जर परिवार के एक बच्चे को गुलदार उठा ले गया। घटना की सूचना सामने आने के बाद वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हुई। बताया जा रहा है कि काफी खोजबीन के बाद 10 साल की उम्र के इस बच्चे की डेड बॉडी बरामद कर ली गई है।
दरअसल, गुलदार की मसूरी क्षेत्र में लगातार मौजूदगी बनी हुई है। पिछले दिनों भी ऐसे ही एक बच्चे को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था। इस घटना के बाद से ही वन विभाग की टीम क्षेत्र में लगातार गश्त कर रही थी। लेकिन गुलदार का पता नहीं चल पा रहा था, अब एक और घटना होने के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। घटना की खबर सामने आने के बाद देहरादून वन विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हुई । खुद डीएफओ नीतीश मणि त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे। उधर दूसरी तरफ मसूरी वन प्रभाग की टीम भी मौके पर पहुंची । वन विभाग की टीम के साथ ही पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची। बताया गया है कि जिस जगह पर यह घटना हुई वह जंगल के बीच का इलाका है और यहीं पर यह गुर्जर परिवार रहता है। करीब 2 किलोमीटर पैदल रास्ता है जहां से होकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है।
गुलदार व बाघों के हमले की बढ़ती घटनाओं पर मुख्यमंत्री धामी जता चुके गहरी चिंता
देहरादून।राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती हुई घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गम्भीर चिंता प्रकट कर चुके हैं। सीएम धामी ने गुलदार और बाघों के हमले की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए वन सचिव एवं वन्यजीव प्रतिपालक को प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए । मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में विभाग को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए और प्रशिक्षित वनकर्मियों की क्विक रिस्पांस टीम गठित कर उसे तत्काल मौके पर भेजा जाए। जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए गांव और जंगल की सीमा पर सोलर फेंसिंग (तार बाड़) लगाई जाए।
सीएम धामी ने कहा , लंबे समय से यह देखने में आ रहा है कि राज्य के अलग अलग हिस्सों में वन्य जीवों के हमलों को रोकने में वन विभाग बेबस हो रहा है। इसे दृष्टिगत रखते हुए इन घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई जाए। प्रशिक्षित पशु चिकित्सक मानव वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से इलाक़ों में चौबीस घंटे तैनात रहे। मुख्यमंत्री धामी का कहना था कि राज्य में वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर गुलदार और बाघों से भरे पड़े हैं। अब वहां अन्य पकड़े गए वन्य जीवों को रखने की जगह नहीं है, लिहाजा इसके लिए भी फौरन कार्ययोजना बनाई जाए।