उत्तराखण्डदेहरादून

उत्तराखंड की धामी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, चार धामों व अन्य प्रमुख मंदिरों का नाम नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल,ट्रस्ट या समिति गठित करने पर पाबंदी को बनेगा सख्त कानून

सीएम धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए 25 फैसले
कैबिनेट ने दी ओपीडी, आईपीडी, व जांच शुल्क में कमी को मंजूरी
मरीज की मौत पर एंबुलेंस घर पहुंचाएगी मृतक का शव
सरकारी अस्पतालों में इलाज सस्ता करने को कैबिनेट की सहमति
 एस. आलम अंसारी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य में स्थित चार धाम एवं अन्य प्रमुख मंदिरों के मिलते जुलते नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट के गठन के विरुद्ध कठोर विधिक प्रावधान किये जाने का निर्णय लिया है। कैबिनेट के समक्ष यह विषय चर्चा के लिए रखा गया था कि हाल के समय में राज्य में कतिपय व्यक्ति – संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड राज्य में अवस्थित चार धाम यथा श्री केदारनाथ धाम, श्री बद्रीनाथ धाम, श्री गंगोत्री धाम, श्री यमुनोत्री धाम व अन्य प्रमुख मन्दिरों के नाम का अथवा इनके संचालन के लिए गठित ट्रस्ट- समिति के नाम से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर ट्रस्ट/ समिति आदि बनाई जा रही है।
प्रदेश में इस प्रकार की गतिविधियों से जन सामान्य में असमंजस की स्थिति उत्पन्न होने के साथ ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुँचती है, तथा स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी सम्भावना रहती है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कड़े विधिक प्राविधान लागू किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा राज्य हित में लिया गया है। अब राज्य के अन्दर अथवा राज्य के बाहर कोई  भी व्यक्ति अथवा संस्था किसी समिति अथवा ट्रस्ट का गठन कर राज्य के चार धामों एवं प्रमुख मंदिरों के नाम पर समिति अथवा ट्रस्ट का गठन नहीं कर पायेगा। इससे इस संबंध में उत्पन्न विवाद का भी समाधान हो सकेगा।
श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ का नाम नहीं होगा इस्तेमाल
श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ धामों के नामों का अब उपयोग नहीं हो सकेगा। इसपर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने धामों के नाम के इस्तेमाल के मामले में फैसला लेते हुए कड़े क़ानून बनाने पर भी विचार किया है। जल्दी ही कड़े कानून बनाकर इस पर बंदिश लगाने की कैबिनेट बैठक में सैद्धांतिक सहमति हुई है। गौरतलब है कि, पिछले दिनों दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम के नाम पर केदारनाथ प्रतीक मंदिर का निर्माण को लेकर राज्य में माहौल गर्मा गया था, एक तरफ तीर्थ पुरोहित नाराज थे तो कांग्रेस ने भी विरोध किया था।
राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज को लेकर दी कई राहत
राज्य की धामी सरकार ने कई फैसले लेते हुए बीमार लोगों के लिए इलाज की सरकारी सुविधाओं में राहत दी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई।  धामी सरकार ने मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए कई सहूलियत दी हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेते हुए ओपीडी और आईपीडी सहित अन्य कई चिकित्सा रजिस्ट्रेशन शुल्क में कमी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मरीज के भर्ती होने के समय एडमिशन चार्ज भी कम किया गया है। प्राइवेट वार्ड, जनरल वार्ड, एसी रूम के भी रेट कम करने का निर्णय लिया गया है। इतना ही नहीं बल्कि एम्बुलेंस चार्ज भी कम किया जाएगा। साथ ही विभिन्न जांच के लिए लैब चार्ज भी कम करके सीजीएचएस के रेट से किए जाएंगे। सरकारी अस्पतालों में किसी मरीज की मृत्यु होगी तो उसका पार्थिव शरीर निशुल्क एम्बुलेंस से घर पहुंचाया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के 25 छोटे-बड़े फैसले लिए गए हैं।
शहीद जवानों व विधायक को कैबिनेट ने दी श्रद्धांजलि
कैबिनेट बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने कठुआ में शहीद हुए उत्तराखंड के वीर जवानों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही केदारनाथ की दिवंगत विधायक शैला रानी रावत के निधन पर भी 02 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कृषको के 5 लाख तक के ऋण में स्टाम्प शुल्क माफ़
धामी कैबिनेट ने राज्य के किसानों को राहत देते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कृषकों से 5 लाख रुपये तक के ऋण में स्टांप शुल्क लगाने से छूट दे दी है। यानी पांच लाख तक के कर्ज के लिए स्टांप शुल्क नहीं देना होगा।
काष्ठ आधारित उद्योग की नियमावली मंजूर
वन विभाग के तहत कैबिनेट ने उत्तराखंड काष्ठ आधारित उद्योग को लेकर नियमावली को धामी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। राज्य में अभी तक काष्ठ (लकड़ी) आधारित उद्योगों के लिए स्पेसिफिक नियमावली को लेकर जरूरत महसूस की जा रही थी। इसको लेकर नए सिरे से नियमावली को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
लावारिस शवों के वारिसों की होगी तलाश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि राज्य में मिलने वाली लावारिस लाशों का पोस्टमार्टम के दौरान पहले उसका डीएनए सैंपल लिया जाएगा। उसके बाद उसको लेकर प्रचार किया जाएगा, ताकि लावारिस शवों का कोई वारिस हो या नाते-रिश्तेदार हो तो वो सामने आ जाए। तलाश के बाद ही लावारिस शवों को मेडिकल कॉलेजों में शोध के लिए दिया जाएगा। इसमें बाहरी मामले में पुलिस मुख्यालय स्तर से अनुमति लेनी होगी।
पिथौरागढ़ और हरिद्वार मेडिकल कॉलेजों में 480
पदों होगी सीधी भर्ती
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर धामी कैबिनेट ने निर्णय लेते हुए मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ और हरिद्वार में 240-240 नर्सिंग पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती को मंजूरी दी है। इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में जल्दी ही स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावशाली ढंग से शुरु हो जाएंगी।
विधानसभा सत्र को लेकर सीएम  धामी लेंगे फैसला
विधानसभा का मानसून सत्र भी आयोजित किया जाना है। जोकि अगस्त के पहले सप्ताह में आयोजित होना संभावित है, लेकिन अभी तिथि तय नहीं है। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर विधानसभा सत्र को लेकर फैसले की जिम्मेदारी छोड़ी है। कैबिनेट की बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा तो हुई लेकिन उसकी तिथि को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। 21 जुलाई से राज्य में कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में संभावना है कि कांवड़ यात्रा के बाद ही विधानसभा का सत्र हो सकता है।
 मंत्रिमंडल के कुछ अन्य अहम फैसले
कैबिनेट द्वारा दून विश्वविद्यालय में आगामी अकादमिक सत्र से सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज प्रारम्भ किए जाने का निर्णय लिया गया है।
-सिडकुल के स्थाई कार्मिकों को राज्य सरकार के कार्मिकों के अनुरूप 7वें वेतनमान की संस्तुतियों के आधार पर पुनरीक्षित मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।
-उत्तराखण्ड राज्य में डिजिटल ई-स्टाम्पिंग / पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग शुरू किये जाने निमित्त भारतीय स्टाम्प अधिनियम-1899 की अनुसूची-1 ख में वर्णित उत्तराखण्ड राज्य में लागू गैर पंजीकरण योग्य 17 अनुच्छेदों को उत्तराखंड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) (संशोधन) नियमावली, 2023 में सम्मिलित किये जाने का लिया गया निर्णय।
-राज्य में बाह्य सहायतित परियोजनाओं की स्वीकृति, संचालन, पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण के लिए पूरे राज्य में एक समान व्यवस्था बनाये जाने के दृष्टिगत मार्गदर्शी सिद्धान्त एवं वित्तीय – प्रशासनिक अधिकारों के प्रतिनिधायन के सम्बन्ध में व्यवस्था का निर्धारण किये जाने का निर्णय।
-सरकार ने महगाई भत्ते को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। ग्रेचुएटी की सीमा 20 लाख से 25 लाख हुई।
-5 करोड़ से अधिक विचालन किया जाना हो तो सचिव वित्त की समिति ही इसपर परिक्षण करेगी, उसके बाद हाई पावर कमेटी में जाएगा मामला।-

ग्रह विभाग में दूरसंचार पुलिस के राजपत्रित अधिकारियों के पदों को लेकर नियमावली को मंजूरी।

-विद्या समीक्षा केंद्र को लेकर बड़ा फैसला हुआ हैं।  PEU बनाई गई 25 पद स्वीकृत हुए
-एनसीसी की स्वतंत्रता कंपनियां चंपावत में स्वीकृत थी, उसे दोबारा शुरू किया जाएगा
-उरेड़ा में 119 से बढाकर, कुल पद 148 किए गए हैं।
-सतर्कता विभाग का रिवोल्विंग फंड बनाने का फैसला लिया गया है।
-सरकारी सेवा ज्येष्ठता को लेकर बड़ा फैसला, अब एक चयन वर्ष को माना जाएगा।
-नैनी सैनी एयरपोर्ट अब वायुसेना नहीं सरकार ही संचालित करेगी।
-212 हेक्टेयर भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को दिया गया था, पंतनगर की जमीन को मंजूरी दी गई है।
-उस ऑफ़ हिमालय कम्पनी को लेकर प्रशासनिक और वित्तीय नियम के साथ ही उसके स्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा।
-5 लाख तक के टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को मिलेंगे, उत्तराखंड के ठेकेदारों की क्षमता विकास किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button