उत्तराखंड ः भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने दी नसीहत,कहा- दिखावे के बजाय कांग्रेस को धर्म की राह पर चलने की जरूरत
पहले युवराज को जनेऊ पहनाकर ब्रांडिंग मे जुटे कांग्रेसी अब दुष्प्रचार मे जुटे
काँग्रेसियों को भगवान राम और बाबा केदार से सार्वजनिक क्षमा याचना की जरूरत
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को धर्म या सनातन अनुयायी होने के लिए दिखावा करने की जरूरत नही, बल्कि, उसे धर्म की राह पर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिखावे का असर कुछ क्षण के लिए होता है, क्योंकि कांग्रेस अपने युवराज के जनेऊ की भी देश भर मे ब्रांडिंग करने के बाद भी कुछ हासिल नही कर पायी।
पार्टी मुख्यालय मे सीएम के केदारनाथ दौरे और कांग्रेस के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस को कुछ नही सूझ रहा है और वह धर्म संकट मे फंस गयी है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन मे सीएम धामी केदार नाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का अवलोकन करने जा रहे है, तो ऐसे मे कांग्रेस को पश्चाताप करने की जरूरत है, क्योंकि धर्म कार्यों मे वह अवरोध उत्पन्न करती रही है और बाबा केदार को लेकर अभी भी दुष्प्रचार मे लगी है।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस की बुद्धि शुद्धि की भी जरूरत है क्योंकि वह शुरू से ही धर्म के मार्ग से भटक गयी है। कांग्रेस की हमेशा ही नीति रही है कि वह राजनीति को धर्म के चस्मे से जोड़कर देखती रही। वर्ग विशेष के तुष्टिकरण के लिए वह सनातन के अपमान और रास्तों मे अवरोध उत्पन्न करती रही यह पूरा देश जानता है।
उन्होंने कहा कि सनातन के अपमान और विरोध के बाद जब जनता ने उसे हाशिये पर धकेला तो छटपटाहट मे वह अब अपने को सनातन का अनुयायी और प्रतिष्ठा के रक्षक होने का दावा कर रही है। उसके इस हास्यास्पद दावे पर किसी का भरोसा भी नही है, लेकिन वह सनातन संस्कृति के लिए मजबूती से डटे अनुयायियों को ही कटघरे मे खड़ा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उसकी केदारनाथ यात्रा उप चुनाव के लिए और खुद को सनातनी दिखाने के लिए है और बाबा केदार मे श्रद्धा से कोई लेना देना नही है। चौहान ने कांग्रेस से राजनैतिक नौटंकी का परित्याग कर सामूहिक रूप से भगवान राम और बाबा केदार से माफी मांगने को कहा है। ऐसा करने के लिए उन्हे बुद्धि शुद्धि की जरूरत है क्योंकि धर्म राह के लिए आचरण भी जरूरी है। कांग्रेस ने हिंदू सनातन और मंदिरों का इतने वर्ष जो अपमान और उपेक्षा का पाप किया शायद बाबा केदार ही उन्हे माफ कर सकते हैं।