टिहरी के बूढ़ा केदार की घटना पर भाजपा ने जताया दुख, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कार्यकर्ताओं से राहत कार्यों मे जुटने का किया आह्वान
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रभारी मंत्री डॉ अग्रवाल ने किया है प्रभावित क्षेत्र का दौरा
देहरादून । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने टिहरी के बूढ़ा केदार क्षेत्र में आपदा से हुई मौतों पर दुख जताते हुए कहा कि राज्य भर में आपदा पीड़ितों की मदद के लिए संगठन सरकार के साथ समन्वय से कार्य कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत एवं बचाव कार्यों में बढ़चढ़ कर सहयोग करने के निर्देश दिये।
भट्ट ने भारी बरसात से टिहरी, उत्तरकाशी एवं रुद्रप्रयाग समेत देवभूमि में आई आपदा और आम लोगों को हुई जन धन की हानि को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है । साथ ही ईश्वर से मृतकों की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य होने की कामना की है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बूढ़ा केदार में घटना स्थल का निरीक्षण किया है और बचाव एवं राहत कार्यों को तेज करने के आवश्यक निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिए हैं। उन्होंने बताया कि समूचा प्रशासन एसडीआरएफ, पुलिस एवं फायर ब्रिगेड की टीम के साथ सभी जिलों में पीड़ितों को राहत पहुंचाने में लगा हुआ है ।
भट्ट ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अपने अपने क्षेत्रों में आपदा की घटनाओं के पीड़ितों की मदद में जुटने के निर्देश दिए। जिसके लिए सभी को पुलिस प्रशासन एवं आपदा टीम से समन्वय बनाकर काम करना है । आपदा प्रभावितों को सरकार के माध्यम से मिलने वाली मदद के अतिरिक्त हमारी कोशिश होनी चाहिए कि व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर खाद्यान, निवास या अन्य जरूरत की चीजे उन्हें उपलब्ध हों । साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से सुनिश्चित करने को कहा कि रास्ता बंद होने की स्थिति में प्रभावित श्रद्धालुओं एवं यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
उन्होंने कांग्रेस समेत विपक्ष में नेताओं से भी आग्रह किया कि आपदाकाल में सभी को राजनीति से ऊपर उठकर, एकजुटता से पीड़ितों की मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आपदा प्रबंध तंत्र, जनता के सहयोग से संपूर्ण क्षमता से प्राकृतिक आपदा का सामना करने में लगा हुआ है । ऐसे में राजनैतिक लाभ के लिए अनावश्यक बयानबाजी करने से सभी को बचना चाहिए। ताकि आम लोगों एवं आपदा एजेंसियों का मनोबल प्रभावित नहीं हो। लिहाजा सभी को राजनैतिक कार्यकर्ता के बजाय सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका का निर्वहन करना चाहिए ताकि नुकसान को कम से कम करने में सफल हों ।