उत्तराखण्ड

15 हजार से भी अधिक लोगों को निकाला गया सुरक्षित, केदारघाटी में सात दिन तक चला कठिन रेस्क्यू अभियान 

यात्रियों को निकालने का रेस्क्यू अभियान हुआ पूरा 
देहरादून। केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते मार्ग अवरुद्ध होने से विभिन्न स्थानों पर रुके यात्रियों का रेस्क्यू अभियान मंगलवार को पूरा हो गया है। 31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए  मुख्यमंत्री ने स्वयं रेस्क्यू अभियान की सतत निगरानी की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने तथा लोगों का रेस्क्यू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
मुख्यमंत्री ने स्वयं दो बार आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। राहत और बचाव कार्यों में लगी टीमों को जिन भी संसाधनों की जरूरत थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें तुरंत उपलब्ध कराया गया।  मुख्यमंत्री रेस्क्यू अभियान की पल-पल की जानकारी लेते रहे। राहत और बचाव कार्यों के लिए जितने भी संसाधनों तथा मैन पॉवर की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में इतनी बड़ी आपदा तथा व्यापक स्तर पर हुए नुकसान के बावजूद एक सप्ताह से भी कम समय में रेस्क्यू अभियान पूरा हो पाया, यह दर्शाता है कि इसीलिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य के तौर पर पूरे देश में देखा जाता है।
केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते हुए नुकसान, रेस्क्यू एवं बचाव कार्यों, यात्रा को दोबारा शुरू करने को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अतिवृष्टि को लेकर संबंधित आधिकारियों तथा कर्मचारियों की समीक्षा बैठक ली। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 15 हजार से अधिक यात्री एवं स्थानीय लोगों को हवाई तथा पैदल मार्गों से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। अब रेस्क्यू अभियान पूर्ण हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यही प्रयास है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भू-स्खलन की चपेट में आने से पैदल एवं सड़क मार्ग अवरुद्ध हुआ है। पेयजल तथा विद्युत की लाइनों सहित बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। जहां भी मार्ग क्षत्रिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button