असम राइफल्स में मणिपुर में तैनात शहीद हजारी सिंह चौहान पंचतत्व में विलीन, कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल और परिवार के सदस्यों ने दी शहीद को श्रद्धाजंलि
शहादत पर परिजनों में कोहराम, स्थानीय लोगों की आंखें हुई नम
ऋषिकेश।असम राइफल्स में मणिपुर में तैनात ऋषिकेश स्थित खदरी खड़कमाफ निवासी हवलदार हजारी सिंह चौहान शहीद हो गए। उनकी शहादत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। गांव व आसपास शोक की लहर दौड़ गई। मंगलवार सुबह शहीद हलवदार हजारी का पार्थिव शरीर निवास पर पहुंचा। अंतिम दर्शनों के लिए घर पर स्थानीय लोगों को हुजूम उमड़ा। खदरी से उनकी अंतिम यात्रा निकली, तो हर ग्रामीण के साथ ही शहर के लोगों की आंखें भी नम दिखी।
दोपहर 12 बजे शहीद हवलदार की अंतिम यात्रा मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पर पहुंची। घाट पर कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल और सेना जवानों के साथ ही परिवार के सदस्यों ने शहीद को श्रद्धाजंलि दी। रायवाला छावनी के जवानों ने तीन राउंड फायर कर शहीद हवलदार हजारी सिंह को सलामी दी। इस दौरान मातमी धुन भी बजी। दिन में करीब तीन बजे एयरफोर्स में तैनात बड़ा बेटा संदीप सिंह चौहान पहुंचा। बेटे ने पिता के पार्थिव शरीर को नम आंखों से मुखाग्नि दी। शहीद की अंतिम विदाई में खदरी और आसपास के ग्रामीण इलाकों समेत शहर से भी भारी संख्या में लोग घाट पर पहुंचे।
भाई जितेंद्र चौहान ने बताया कि शहीद हवलदार हजारी सिंह साल 1992 में सेना में भर्ती हुए थे। वे करीब 56 साल के थे। समाजसेवी शांति प्रसाद थपलियाल ने बताया कि परिजनों ने बातचीत में उनका स्वास्थ्य खराब होने की बात कही है। शहीद हजारी सिंह फिलहाल मणिपुर में तैनात थे। बताया कि शहीद हजारी मूलरूप से देवप्रयाग के निवासी हैं। दो दशक पहले उनका परिवार यहां बसा है। मौके पर एसडीएम नरेंद्रनगर देवेंद्र सिंह नेगी, ईओ तनवीर सिंह मारवाह, तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल, थानाध्यक्ष रितेश शाह, कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, शहीद के भाई डबल सिंह, जितेंद्र सिंह, सरोप सिंह पुंडीर आदि मौजूद रहे।