उत्तराखण्ड

नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किया गया गोष्ठी में मंथन

सभी जनपदों को एक-एक मोबाइल फांरेसिक वैन मिलेगी

थाना स्तर पर वीडियो क्रांफ्रेसिंग सिस्टम युक्त रूम बनेंगे

देहरादून। पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में नये अपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को न्याय प्रक्रिया की आवश्यकताओं के अन्तर्गत मशीन, उपकरण एवं संयत्रों की आवश्यकता एवं आंकलन के सम्बन्ध में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में डीजीपी अभिनव कुमार, ने कई दिशा निर्देश जारी किए।इस दौरान अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, वी मुरूगेशन,निदेशक सतर्कता, एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना, रजनी शुक्ला, अपर सचिव, न्याय, केसर सिंह चौहान, अपर निदेशक, अभियोजन सहित समस्त पुलिस महानिरीक्षक, समस्त पुलिस उप महानिरीक्षक सहित अन्य अधिकारी गण मौजूद रहे ।

देखें,गोष्ठी में लिए गए फैसले

1- नये आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को समस्त थानों को वीडियो क्रांफ्रेसिंग सिस्टम एवं निरीक्षक स्तर से मुख्य आरक्षी स्तर तक सभी अधिकारियों को उपकरणों यथा- टेबलेट, बाडीवार्न कैमरा, मोबाइल क्राइम किट, फिंगर प्रिंट स्कैनर इत्यादि प्रदान किये जाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया जाये ।

2- थाना स्तर पर दिये जाने वाले एफएसएल किट से सम्बन्धित उपकरणों का भी प्रस्ताव तैयार कर सीमावर्ती राज्यों से एफएसएल किट से सम्बन्धित जानकारी कर ली जाये ।

3- घटनास्थल के निरीक्षण के लिए समस्त जनपदों को एक-एक मोबाइल फांरेसिक वैन एवं थाना स्तर पर मोबाइल क्राइम किट विद बाइक प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया ।

4- न्यायालयों में इलेक्ट्रानिक माध्यम से साक्ष्य दिये जाने  के लिए थाना स्तर पर वीडियो क्रांफ्रेसिंग सिस्टम युक्त रूम तैयार किये जाएंगे। जिससे पुलिसकर्मियों को काफी सुविधा मिलेगी व समय की बचत होगी ।

5-आमजन की वीडियो क्रांफ्रेसिंग के माध्यम से साक्ष्यों (गवाही) के लिए उच्च न्यायालय के प्रदत्त दिशा-निर्देशों का अध्ययन कर अधिसूचित स्थानों का चिह्नीकरण कर लिया जाये ।

6- विभिन्न अभियोगों से सम्बन्धित साक्ष्यों के रखरखाव  के लिए समस्त जनपदों में Evidence Management Centre बनाया जायेगा, जो कि अभियोजन विभाग के अन्तर्गत कार्य करेगा ।

7- अभियोगों से सम्बन्धित डेटा स्टोरेज के लिए समस्त जनपदों में एक-एक डेटा स्टोरेज सेन्टर भी स्थापित जायेगा ।

8- न्यायालय द्वारा जारी ई-समन के परिपेक्ष्य में ICJS एवं CCTNS पोर्टल में डेटा इंटिग्रेशन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी

9- सभी विवेचकों के पास डिजिटल सिग्नेटर(डीएससी) की सुविधा उपलब्ध हो। यह सुनिश्चित किया जाये कि सभी विवेचक केस डायरी व चार्जशीट इलेक्ट्रानिक रूप से ही  न्यायालय को प्रेषित करें।

10- आम जन को नये आपराधिक कानूनों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाये ।

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