डीएम बंसल ने कहा, जल स्रोत के रिचार्ज एवं संवर्धन के लिए सिविल निर्माण न करते हुए स्थानीय मिट्टी एवं पत्थर से ही जल संरक्षण के लिए किए जाएंगे प्रयास,जिलाधिकारी ने बावड़ी का जल भी पिया
जल संरक्षण एवं संवर्धन अभियान की शुरुआत ओल्ड मसूरी रोड स्थित स्वामी विवेकानंद के ध्यान स्थल राजपुर बावड़ी से की गई शुरूआत
देहरादून।जल संरक्षण एवं संवर्धन अभियान की शुरुआत ओल्ड मसूरी रोड स्थित स्वामी विवेकानंद के ध्यान स्थल राजपुर बावड़ी से की गई, जहां जिलाधिकारी सविन बंसल ने सामाजिक संगठनो एवं जन सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं के साथ राजपुर बावड़ी का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने कहा कि जहां प्रधानमंत्री के आह्वान से देश भर में जल संरक्षण अभियान ने तेजी पकड़ी है।वही उत्तराखंड प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जल संरक्षण अभियान में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।जिसके क्रम में प्राकृतिक धारों, नालों, नदियों का संवर्धन के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में प्रभावी कार्य योजनाओं पर कार्य गतिमान है।
जिलाधिकारी ने जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिये चलाई जा रही इस मुहिम को निरंतर बनाए रखने के लिये प्रभावी कार्य योजना बनाने एवं स्थानीय लोगों एवं संगठनों से जिला प्रशासन की इस मुहिम में जुड़ने की भी अपील की। इस दौरान जिलाधिकारी ने बावड़ी का जल भी पिया।जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु “पहाड़ी पेडलर्स” के साथ ही अन्य सामाजिक संगठन निरंतर प्रयास कर रहे हैं।जिलाधिकारी ने कहा कि निर्णय लिया गया है कि जल स्रोत के रिचार्ज एवं संवर्धन के लिए सिविल निर्माण न करते हुए स्थानीय मिट्टी एवं पत्थर से ही जल संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएंगे, ताकि इनके संवर्धन के साथ ही इनका ऐतिहासिक महत्व बना रहे। उन्होंने कहा कि इस मुहिम का उद्देश्य जल संवर्धन/ संरक्षण के साथ ही स्थानीय लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना एवं इनके संरक्षण को स्थानीय तौर तरीकों से मुहिम को सफल बनाना है, ताकि स्थानीय लोगों एवं जीव जंतुओं के लिए उनके प्राकृतिक स्थलों में पेयजल रहे।जिला प्रशासन द्वारा जल संरक्षण को पिछले सप्ताह से शुरू की गई मुहिम के फलस्वरुप जनपद देहरादून शहर के अंतर्गत तथा आसपास 70 धारे, नौले, बावड़ी का सर्वे कर लिया गया है।