उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र: सदन में गूंजा भ्रष्टाचार का मुद्दा, विपक्ष ने उठाए सवाल, संसदीय कार्य मंत्री डॉ अग्रवाल ने दिया जवाब

अवैध खनन, उद्यान विभाग घटाला , सरकारी दफ्तरों में घूसखोरी, मसूरी में पर्यटन विभाग की जमीन सहित अनेक मुद्दों पर सदन में कांग्रेस विधायकों ने रखी अपनी बात,
संसदीय कार्य मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के सभी सवालों का दिया जवाब
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद शुरू हुई सदन की कार्रवाई के दौरान विपक्ष ने सदन में नियम 58 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरा ।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भ्रष्टाचार के मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बाहर से विभागों में अधिकारी आयतित हो रहे हैं। राज्य में अवैध खनन जोरों से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग में बड़ा घोटाला हुआ। ये जांच में भी साबित हुआ है।नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि उद्यान विभाग घोटाले में तत्कालीन निदेशक की बड़ी भूमिका रही।जमरानी बांध परियोजना में नियमों की अनदेखी करते हुए ठेके आवंटित कर दिए गए। हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर दे दिया गया जिससे वहां सब कुछ महंगा हो गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लगा दी गई हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत खनन को लेकर आवाज उठा चुके हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम किया है। बिना कमीशन खोरी के भाजपा राज में कोई काम नहीं हो रहा है ।
आम आदमी से लेकर व्यापारी तक को इसका शिकार बनना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने बागेश्वर में खड़िया खनन को लेकर भी सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कोर्ट कमिश्नर रिपोर्ट तक खा गया और कोर्ट कमिश्नर ने घूस लेने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल में खनन व्यवसाय माफिया चला रहे हैं। उन्होंने खनन करने में सरकारी एजेंसियों को भी निशाने पर लिया और कहा कि सरकारी एजेंटीयों ने अवैध खनन कराया है और वे इसमें संलिप्त हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम और वन विभाग अवैध खनन रोकने में विफल साबित हुए हैं
। उन्होंने कहा कि सरकार के इन काले कारनामों का हाई कोर्ट संज्ञान ले रहा है। तीन मामलों में सीबीआई जांच की संस्कृति कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश पारित किया कि सीबीआई जांच होनी चाहिए।
हिल स्टेशन मसूरी में पर्यटन विकास परिषद की 142 एकड़ जमीन को एक अधिकारी ने 1 करोड़ रुपये वार्षिक लीज पर किराया पर दे दिया। उन्होंने कहा कि सरकार व अधिकारियों को ये अधिकार किसने दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एशियन बैंक से 23 करोड़ रुपये लोन लेकर उसका समतलीकरण किया गया। उसके बाद चहेतों को बांट दी गई। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने भी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निशाने पर लिया। कहा कि सरकार अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चला रही है, दूसरी तरफ अपने चहेतों को सस्ती दरों में जमीन आवंटन कर रही है। आउट सोर्स से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिसमें कंपनियां वेतन नहीं दे रही हैं। युवा इसके बाद सैलरी के लिए लिए भटक रहे हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक रवि बहादुर ने भी सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा हरिद्वार में बड़े पैमाने पर खनन माफिया के हौसले बुलंद है। ज्वालापुर विधानसभा में खनन से अभी तक कई मौतें हो चुकी हैं। अलग-अलग तरीके से रॉयल्टी जारी कर खनन की खुली छूट दी जा रही है।एक व्यक्ति को कई कई टेंडर दिए जा रहे हैं, जिसके चलते काम समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। भ्रष्टाचार के मुुद्दे पर कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने कहा कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार हावी है। बिना पैसा दिए कोई काम नहीं हो रहा है । उन्होंने कहा कि पटवारी तक पैसे लिए बिना कोई काम नहीं कर रहे हैं। हरिद्वार में पिछले 25 सालों से चकबंदी चल रही है। पटवारी अपना फोन बंद किए रहते हैं। अनुसूचित जाति की लड़कियों की शादी के लिए मिलने वाले 50000 रुपए के लिए 10000 तक मांगे जाते हैं। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन में भी कम भ्रष्टाचार नहीं है गरीब किसानों से नलकूप कनेक्शन के नाम पर पैसा मांगा जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में एक्सपायरी दवा जा रही है जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। गोपाल सिंह राणा ने भी दाखिल-खारिज में भष्टाचार के सवाल उठाए। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भष्टाचार का आरोप लगाया पुरानी बात है। उन्होने विपक्ष के एक एक मुद्दे का जवाब दिया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई कर जनता को राहत दिलाई है।