मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सभी जिलाधिकारियों को दी सख्त हिदायत – चारधाम यात्रा, सुरक्षा, डेंगू नियंत्रण व सत्यापन पर दें खास जोर

मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल बैठक में की प्रदेश की तैयारियों की समीक्षा
हर स्तर पर जनसुरक्षा और जनसुविधा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए।
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की। बैठक का प्रमुख फोकस चारधाम यात्रा की तैयारियों, डेंगू नियंत्रण, सुरक्षा व्यवस्था, सत्यापन अभियान और जनकल्याण योजनाओं पर रहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर स्तर पर जनसुरक्षा और जनसुविधा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए। यात्रा मार्गों पर यात्रियों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहें। साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
स्थानीय घोड़ा-खच्चर संचालकों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें प्रशिक्षण और पंजीकरण की प्रक्रिया में सहूलियत देने के निर्देश भी दिए गए। यात्रा मार्गों पर रेट लिस्ट चस्पा की जाए ताकि किसी तरह की ओवररेटिंग की शिकायत न मिले। मुख्यमंत्री ने डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई और कहा कि नियमित फॉगिंग, लार्वा विनाश अभियान और जनजागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए। अस्पतालों में सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं और बिजली आपूर्ति में कोई कटौती न हो। बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
फेक न्यूज पर करें सख्त कार्रवाई, झुग्गी-झोपड़ी, ठेली-फड़ वालों का भी होगा सत्यापन
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा सहित सभी संवेदनशील मुद्दों पर अफवाहें और फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। जिलाधिकारी समय-समय पर मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से सही व प्रमाणिक जानकारी साझा करें ताकि भ्रम की स्थिति न बने। मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था की दृष्टि से सभी किरायेदारों, झुग्गी-झोपड़ी, ठेली और फड़ चलाने वालों का अनिवार्य सत्यापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके लिए जिलाधिकारियों को सभी विभागों के अधिकारियों की ड्यूटी लगाने को कहा गया है।
ग्रीष्मकाल में करें बिजली-पानी की निर्बाध आपूर्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के मौसम में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए पहले से योजना बनाकर काम किया जाए। किसी भी प्रकार की कमी पर तत्काल वैकल्पिक प्रबंध किए जाएं। आगामी कैंचीधाम वार्षिकोत्सव के मद्देनज़र सड़कों की मरम्मत, साफ-सफाई और पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था समय रहते पूरी करने के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को निर्देशित किया कि वे अपने जिलों में विभिन्न सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण करते रहें।
10 करोड़ तक के सभी सरकारी टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को दिए जाएं
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि 10 करोड़ रुपये तक के सभी सरकारी टेंडर स्थानीय ठेकेदारों को दिए जाएं। इसके साथ ही जिलाधिकारी अपने क्षेत्रों के उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ नियमित संवाद बनाए रखें। राज्य सरकार की प्रमुख योजना मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना को हर जिले में तेजी से लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन राज्य के लिए अत्यंत संवेदनशील विषय है। आग लगने की घटनाओं में यदि कोई व्यक्ति संलिप्त पाया जाए तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट मीटर परियोजना की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए। विद्युत बिल की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए त्वरित समाधान सुनिश्चित करने को कहा गया।