उत्तराखंड बीजेपी की पहली लिस्ट में 10 विधायकों के कटे टिकट
- उत्तराखंड बीजेपी की पहली लिस्ट में 10 विधायकों के कटे टिकट
- कुंवर चैंपियन हमेशा विवादित बयानों और अलग-अलग कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहे
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशियों की पहली सूची पहली सूची में 10 से 12 विधायकों के टिकट कटने का अंदेशा पहले से ही जताया जा रहा था से ही जताया जा रहा था जो गुरुवार को सही साबित हो गया । दरअसल पार्टी ने 59 प्रत्याशियों के नाम जारी किए हैं।
पहली सूची में ही 10 विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं ।जबकि अभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन होना बाकी है और इनमें भी कई विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। भाजपा ने जिन 59 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं उनमें 2017 में जीते 10 विधायकों के टिकट काटे गए हैं ।इस तरह देखा जाए तो राज्य में बीजेपी ने अपनी पहली सूची में ही 10 सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं ।खास बात ये है कि कई बार के विधायक बलवंत सिंह भौर्याल का भी टिकट काटा गया है । उधर 2017 में विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले रघुनाथ सिंह चौहान का भी टिकट काट दिया गया है।
थराली से भोपाल राम टम्टा को टिकट दिया गया है ।यहां से मुन्नी देवी का टिकट काटा गया है। कर्णप्रयाग से सुरेंद्र सिंह नेगी का टिकट काटकर अनिल नौटियाल को दिया गया है। खानपुर से कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का टिकट काटकर उनकी पत्नी रानी देवयानी को दिया गया है ।हालांकि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन खुद ही पार्टी से अपनी पत्नी को टिकट देने की मांग कर रहे थे.यमकेश्वर विधानसभा से रितु खंडूरी का टिकट काटकर रेणु बिष्ट को दिया गया है।पौड़ी विधानसभा से विधायक मुकेश कोली का टिकट काटकर राजकुमार पोरी को दिया गया.गंगोलीहाट से मीना गंगोला का टिकट काटकर फकीर राम टम्टा को दिया गया है.कपकोट से बलवंत भौर्याल का टिकट काटकर सुरेश गढ़िया को दिया गया है। द्वाराहाट से महेश नेगी का टिकट काटकर अनिल शाही को टिकट दिया गया है। अल्मोड़ा से कैलाश शर्मा को टिकट देकर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का टिकट काट दिया गया है.काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा का टिकट काटकर उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिया गया है ।यहां भी हरभजन सिंह चीमा ने ही अपने बेटे के लिए पैरवी की थी।
क्यों कटे टिकट कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का विवादों से पुराना नाता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन हमेशा विवादित बयानों और अलग-अलग कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहे। चैंपियन के बयानों और कारनामों की वजह से कई बार पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है ।हालांकि बीजेपी ने कई बार चैंपियन को हिदायत भी दी । लेकिन जब वो नहीं माने तो बाद में उन्हें पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया गया.चैंपियन साल 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ बागवत कर नौ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे ।साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे और जीत कर आए थे ।इससे पहले चैंपियन का तमंचों और शराब के साथ फिल्मी गाने पर ठुमकों का वीडियो भी वायरल हुआ था ।इतना ही नहीं मामला तब पेचीदा हो गया । जब एक निजी चैनल के पत्रकार के साथ बदसलूकी कर दी ।जिस पर तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी ।जिसके बाद संगठन ने कार्रवाई अमल में लाते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। 9 जुलाई 2019 को उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था ।इस वीडियो में वो राज्य के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रहे थे ।जिसके बाद बीजेपी ने 22 जून को अनुशासनहीनता के आरोप में चैंपियन की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तीन माह के लिए निलंबित कर दी थी ।इन्हीं सब घटनाओं के बाद पार्टी पर चैंपियन को निष्कासित करने का प्रेशर था ।इसके बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था ।वहीं चैंपियन को बीजेपी ने बाहर का रास्ता तो दिखाया लेकिन 13 महीनों के भीतर ही वापस पार्टी में ले लिया गया है ।हालांकि इस बार कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन खुद ही पार्टी से अपनी पत्नी को टिकट देने की मांग कर रहे थे।
यौन शोषण मामले ने महेश नेगी को दिखाया बाहर का रास्ता
देहरादून। यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी ने भी पार्टी की जमकर किरकिरी करवाई ।दरअसल साल 2020 के अगस्त महीने में विधायक की पत्नी ने एक महिला पर विधायक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। मामले में नेहरू कॉलोनी में मुकदमा दर्ज किया गया था । इसके बाद महिला सामने आई और विधायक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस पर महिला ने कोर्ट की शरण ली.कोर्ट के आदेश पर 6 सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में विधायक महेश नेगी के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया ।इस मुकदमे में नेहरू कॉलोनी पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी । लेकिन तत्कालीन आईजी रेंज के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस कराया गया और फिर जांच को महिला थाना श्रीनगर ट्रांसफर किया गया ।महिला ने स्थानीय कोर्ट में अपनी बेटी के डीएनए के साथ विधायक का डीएनए मैच कराने को प्रार्थनापत्र दिया था.मामला नैनीताल हाईकोर्ट भी पहुंचा। जहां बीती 10 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने यौन शोषण के आरोप में घिरे द्वाराहाट बीजेपी विधायक महेश नेगी की याचिका की सुनवाई हुई। विधायक के खिलाफ रेप करने की पुष्टि नहीं हुई ।इस मामले में सूबे में जमकर सियासत भी हुई ।विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश की। अब पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।