किसी भी संभावित खतरे से निपटने को सेना तैयारः नरवणे
बेंगलुरु। थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना देश की सीमाओं पर शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी संभावित खतरे के लिए सतर्क एवं तैयार है। वर्तमान दौर में युद्ध के तरीकों में आए बदलावों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सेना ने नए हथियारों और आधुनिक उपकरणों में अपनी दक्षता बढ़ाई है।
चार पैराशूट बटालियनों को प्रतिष्ठित ‘प्रसीडेंट्स कलर्स’ प्रदान करने के बाद जनरल नरवणे ने अपने संबोधन में कहा, भारतीय सेना आज चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। हमारी सीमाओं पर घटनाक्रमों से आप भलीभांति परिचित हैं। मैं निश्चित तौर पर कहना चाहूंगा कि हम किसी भी संभावित खतरे के लिए सतर्क और तैयार हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र में बदलाव के साथ ही सेनाओं को संगठित करने, हथियारों के इस्तेमाल और युद्ध लड़ने के तरीकों में काफी बदलाव हुए हैं। सेना ने नए हथियारों और आधुनिक उपकरणों में अपनी दक्षता बढ़ाई है, फिर भी बदलाव की यह लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है। पिछले दो या तीन साल में इन प्रयासों में नई तीव्रता और गति आई है।
सेना प्रमुख ने जिन चार बटालियनों को ‘प्रसीडेंट्स कलर्स’ प्रदान किए, उनमें 11 पैरा (स्पेशल फोर्स), 21 पैरा (स्पेशल फोर्स), 23 पैरा और 29 पैरा शामिल हैं। जनरल नरवणे ने कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की ओर से पैरा बटालियनों को ‘निशान’ प्रदान करना उनके लिए गौरव की बात है। साथ ही उन्होंने चारों बटालियनों को इसके लिए बधाई दी।
सेना प्रमुख का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब पूर्वी लद्दाख में चीन से जारी गतिरोध का कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। यही नहीं यूक्रेन को लेकर भी तनाव चरम पर है। हालांकि यूक्रेन के मसले पर भारत ने तटस्थ रुख अपना रखा है। भारत का कहना है कि गतिरोध से जुड़े मुद्दों को कूटनीति और बातचीत से शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।