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भारतीय कंपनियों को हर साल अपने बेड़े में शामिल करने होंगे 110 से अधिक विमान: सिंधिया

हैदराबाद। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित विमानन क्षेत्र (एयरलाइंस सेक्टर) के फिर से अच्छे दिन लौटने की उम्मीद जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारतीय कंपनियों को अपने बेड़े में प्रत्येक वर्ष 110 से 120 नए विमान शामिल करने होंगे। विंग इंडिया 2022 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि अगर कंपनियों को कई नए वैश्विक क्षेत्रों के लिए उड़ान शुरू करनी है तो उन्हें अपने बेड़े में बड़े आकार वाले विमान शामिल करने होंगे।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले साल तक घरेलू यात्रियों की संख्या 4.10 लाख प्रतिदिन पहुंच जाएगी और 2024-25 तक यात्रियों की तादाद रिकार्ड स्तर पर होगी। उन्होंने कहा, श्भारत का विमानन क्षेत्र बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा है। ना केवल विमानन कंपनियों की संख्या बढ़ी है बल्कि एयरपोर्ट की तादाद में भी वृद्धि हो रही है। ऐसे में कंपनियों को अपने बेड़े में नए विमान शामिल करना जरूरी होगा।
उन्होंने कहा कि 2013-14 में सभी कंपनियों के पास कुल मिलाकर 400 विमान थे जो पिछले वर्ष बढ़कर 710 हो गए। एयरबस के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा था कि विमान बनाने वाली यूरोपीय कंपनी का मानना है कि भारत को अगले दो दशकों में लगभग 2200 विमानों की जरूरत होगी। सिंधिया ने कहा कि भारत में इस समय 9,000 से अधिक पायलट हैं और इनमें से 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह आंकड़ा पांच प्रतिशत के वैश्विक मानन से काफी ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि घरेलू यात्रियों की संख्या 39 प्रतिदिन थी, जो कोरोना की तीसरी लहर के दौरान गिरकर लगभग 11 लाख रह गई। हालांकि अब यात्रियों की संख्या एक बार फिर से बढ़कर 38 लाख से ज्यादा हो गई है, जो कोरोना पूर्व के 41 लाख यात्रियों की संख्या के करीब है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बात करें तो 2018-19 में यह छह करोड़ थी जो कोरोना प्रतिबंधों के बाद गिरकर लगभग एक करोड़ रह गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू होने के बाद देश दुनिया के बाकी हिस्सों से फिर से जुड़ जाएगा।

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