शहर के लोगों को बेहतर पर्यावरण देने के लिए उठाए कई कदम
नई दिल्ली। हमारे आज के आधुनिक शहरों में सुविधाओं के साथ कई मुश्किलें भी बढ़ी हैं। तेजी से बढ़ती गाड़ियों की संख्या के चलते वायु प्रदूषण शहरों की सबसे बड़ी समस्या बन गया है। इस समस्या के समाधान के लिए पुणे में मंगेश दिघे एक सिटी वॉरियर के तौर पर काम कर रहे हैं। मंगेश दीघे दरअसल, पूणे मुंसिपल कॉर्पोरेशन में इनवायरमेंट अफसर के तौर पर काम कर रहे हैं। शहर की वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए उन्होंने कई प्रयास किए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। दिघे ने बताया कि उन्होंने पुणे में वायु प्रदूषण के स्तर पर लगातार नजर रखने के साथ ही इस समस्या को कम करने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने नॉन मोटराइज ट्रांसपोर्ट को शहर में बढ़ावा दिया है। इसके चलते शहर में पैदल और साइकिल से चलने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि आप सड़कें कितनी भी चैड़ी कर लीजिए अगर गाड़ियां बढ़ती रहीं तो सड़कें छोटी पड़ जाएंगी। ऐसे में नॉन मोटराइज गाड़ियों को बढ़ावा देना ही बेहतर विकल्प है। इसके लिए पुणे में सड़कों की डिजाइन में भी बदलाव किया जा रहा है। पुणे में जेएम रोड पर इसके बेहतरीन परिणाम मिले हैं।मंगेश ने बताया कि ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित पर्यावरण संरक्षण के कई सारे पहलुओं पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुणे में इस बात भी ध्यान दिया जा रहा है कि कार्बन एमिशन को कैसे कम किया जाए। पुणे में पिछले दो साल से लगभग 150 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं। दो सालों में इन बसों ने दो करोड़ किलोमीटर से ज्यादा ट्रेवल किया है। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है।
पुणे में अब 2500 बसों में से 600 बसें इलेक्ट्रिक से चल रही हैं। पुणे में बायोडाइवर्सिटी पार्क बनाने की तैयारी है। ये बड़ा प्रयास होगा शहर के पर्यावरण को और बेहतर बनाने के लिए। गीले और सूखे कचरे के निस्तारण के लिए कचरा बीनने वालों के संगठनों को भी जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि डब्लूडब्लूएफ की मदद से हम पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण के लिए चल रहे बेहतर प्रयासों को पुणे की स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने यहां लगाने का प्रयास कर रह हैं।