उत्तराखण्ड

प्रदेश में बिजली संकट और गहराने की आशंका

रामगंगा विद्युत परियोजना से बिजली का हुआ कम
देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लि. (यूपीसीएल) प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है। इससे प्रदेश में बिजली संकट और गहराने की आशंका है। पहले जहां यूपीसीएल के पास रोजाना 3.1 करोड़ से 3.2 करोड़ यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही थी, वहीं अब यह उपलब्धता गिरकर 90 लाख यूनिट पर आ गई है। जबकि मांग चार करोड़ यूनिट से अधिक हो रही है। रामगंगा विद्युत परियोजना से उत्तर प्रदेश के कई जिलों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। जब तक सिंचाई का काम चलता है, तब तक तो अच्छा बिजली उत्पादन होता है लेकिन जब यूपी से सिंचाई के लिए पानी कम कर दिया जाता है तो बिजली उत्पादन भी कम हो जाता है। पिछले एक-दो दिन से रामगंगा से यूपीसीएल को मिलने वाली बिजली का आंकड़ा 126 मेगावाट से गिरकर 29 मेगावाट पर आ गया है। सीधे तौर पर करीब 20 लाख यूनिट का नुकसान हुआ है। यूपीसीएल के अधिकारियों के मुताबिक, गर्मी में रोजाना की डिमांड चार करोड़ यूनिट आ रही है। यूपीसीएल के पास केवल 2.9 करोड़ यूनिट ही उपलब्ध हो रही है। करीब 1.1 करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है।

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