पीएम देऊबा के साथ शिखर वार्ता में पीएम मोदी का दोस्ताना संदेश
नेपाल में सीमा विवाद का न करें राजनीतिकरण
नई दिल्ली। पीएम नरेद्र मोदी ने नेपाली पीएम शेर बहादुर देऊबा को यह दोस्ताना संदेश दिया कि दोनो देशों के सीमा विवाद का कोई राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और इस विवाद को जवाबदेही के साथ सुलझाना चाहिए। पीएम मोदी और पीएम देऊबा के बीच शनिवार को शिखर वार्ता हुई, जिसमें नेपाल की तरफ से सीमा विवाद को शीघ्रता से सुलझाने की बात कही गई और इसके लिए भारत को कोई द्विपक्षीय व्यवस्था भी करने का मशविरा दिया गया। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे भारत ने इस वर्ष नेपाल में 75 विकास परियोजनाएं शुरु करने का ऐलान किया है। दोनो देशों के बीच बिजली क्षेत्र में सहयोग प्रगाढ़ करने के लिए एक विजन प्रपत्र भी जारी किया गया। मोदी व देऊबा ने भारत के वित्तीय सहयोग से तैयार जयनगर (बिहार) और कुर्था (नेपाल) के बीच पैसेंजर रेल सेवा का उद्घाटन भी किया।
जुलाई, 2021 में सत्ता संभालने के बाद नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और पीएम देऊबा पहली बार भारत आए हैं। पूर्व पीएम के पी शर्मा ओली की सरकार ने भारत के साथ सीमा विवाद को काफी राजनीतिक रंग दे दिया था। भारत पर दबाव बनाने की रणनीति व राजनीतिक फायदे के लिए तत्कालीन सरकार ने भारत के तीन भूभाग लिघ्पियाधुरा, कालापानी व लीपुलेख को नेपाल के भूभाग में शामिल करने के लिए वहां के संविधान तक में संशोधन किये थे। देऊबा के भारत आने से पहले विपक्षी दल लगातार उनसे मांग कर रहे थे कि भारत के साथ सीमा क्षेत्र से जुड़े मुद्दे को उठाना चाहिए।
मोदी के साथ शिखर बैठक के बाद देऊबा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बैठक में सीमा विवाद का मुद्दा उठा और उन्होंने भारतीय पीएम से इसे सुलझाने का आग्रह किया। उन्होंने इसके लिए द्विपक्षीय व्यवस्था गठित करने की मांग की, हालांकि दोनो देशों के बीच पहले से ही इस बारे में एक व्यवस्था है। बाद में शिखर बैठक की जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि सीमा विवाद को लेकर दोनो नेताओं के बीच यह सहमति थी कि इस विवाद को जिम्मेदारी के साथ बातचीत से निपटाना चाहिए और राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
देऊबा के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि नेपाल व भारत के खुले बार्डर का अवांछित तत्वों द्वारा दुरूपयोग न किया जाए, इस पर भी चर्चा हुई है। हम रक्षा व सुरक्षा संस्थाओं के बीच गहन सहयोग बनाये रखने पर भी बल दिया है। उन्होंने भारत व नेपाल को अनादिकाल से एक दूसरे के सुख-दुख का साथी बताते हुए कहा कि नेपाल की शांति, प्रगति व विकास की यात्रा में भारत एक मजबूत साथी आगे भी बना रहेगा। पीएम मोदी ने भारत की सहयोग से नेपाल में लगाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं की राह की दिक्कतों को तेजी से दूर करने का देऊबा की तरफ से आश्वासन मिलने पर उन्हें धन्यवाद दिया। बाद में भारत व नेपाल की तरफ से जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा भारत नेपाल में इस वर्ष 75 विकास परियोजनाओं को शुरू करेगा।