पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का हुआ गठन
कनाडा में रहने वाली बलोच नेता नायला कादरी बनीं मुखिया
चेन्नई। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले प्रांत बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चलाने वाले नेताओं ने 21 मार्च को अपनी निर्वासित सरकार का गठन किया। कनाडा में निर्वासन में रह रहीं वरिष्ठ बलोच नेता प्रोफेसर नायला कादरी बलोच को इसका मुखिया बनाया गया है। जारी बयान में नायला कादरी ने कहा कि वह इस निर्वासित बलूच सरकार की मुखिया होंगी। निर्वासित सरकार की स्थापना यूरोप में कहीं पर की गई है, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसके लोकेशन की जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यह सरकार अब विभिन्न सरकारों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क करेगी। सभी बलूच दलों, समूहों और फोरमों से भी संपर्क किया गया है। वह इस सरकार का समर्थन करेंगे और लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर सरकार को चलाने में मदद करेंगे।उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में उपनिवेशवाद को तभी रोका जा सकता है जब तीन क्षेत्रों में रह रहे चार करोड़ बलूचों को एकजुट किया जा सके। उन्हें अफगानिस्तान में रह रहे बलूच संगठनों और ईरान के पश्चिमी बलूचिस्तान का समर्थन हासिल है। बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चला रहे बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना की एजेंसियों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। मंगलवार को बीएलए ने मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआइ) और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस-इंटेलीजेंस (आइएसआइ) करन शहर स्थित दफ्तरों पर राकेट दागे।
बीएलए के प्रवक्ता आजाद बलोच ने कहा कि लड़ाकों ने फ्रंटियर कोर (एफसी) के चेक पोस्ट को भी निशाना बनाया। बीएलए में इसमें कई सैनिकों के मारे जाने और घायल होने का दावा किया, लेकिन स्थानीय पुलिस ने किसी तरह के जनहानि से इन्कार किया है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि हमले के बाद घटना स्थलों पर स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस को जाते और घायलों को ले जाते हुए देखा है।