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सरकार ने जैश के कमांडर नेंगरू को घोषित किया आतंकी

 जम्मू-कश्मीर में कई हमलों में शामिल रहा है आशिक अहमद
नई दिल्ली। प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के कमांडर आशिक अहमद नेंगरू को केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में विभिन्न आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने के लिए आतंकवादी घोषित किया। पिछले एक पखवारे में नेंगरू पांचवां ऐसा व्यक्ति हैं जिसे केंद्र ने आतंकवादी घोषित किया है। एक अधिसूचना में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि नेंगरू, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों में शामिल रहा है। वह केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का भी जिम्मेदार है।
मंत्रालय ने कहा कि नेंगरू (34) कश्मीर में एक आतंकी सिंडिकेट चला रहा है। वह जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के खतरनाक अभियान में लगा हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि भारत की सुरक्षा के लिए नेंगरू को खतरे के रूप में देखा जा रहा है। आतंकी कृत्यों से रोकने के लिए उसे गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) के प्रविधानों के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है। 20 नवंबर 1987 को जन्मा नेंगरू जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। उसका भाई अब्बास अहमद नेंगरू, जैश ए मुहम्मद का एक सक्रिय आतंकवादी था। वह 2013 में मारा गया था। फरवरी 2020 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा तलब करने के बाद नेंगरू अपने परिवार के साथ लापता हो गया। नेंगरू 2013 में पुलवामा में एक पुलिस कर्मियों की हत्या और 2020 में एक नागरिक की हत्या से संबंधित मामलों में शामिल रहा है। वह कथित तौर पर आतंकी कृत्यों और आतंकियों को हथियारों की आपूर्ति के लिए धन मुहैया कराता रहा है। अधिसूचना में कहा गया कि केंद्र का मानना है कि आशिक अहमद नेंगरू उर्फ नेंगरू आतंकवाद में शामिल है और इसलिए उसे यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया जा रहा है। देश की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बने जैश के कमांडर आशिक अहमद नेंगरू के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आतंकी नामित किए जाने के बाद उसको अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने में सहूलियत होगी। भारत अब दूसरे देशों के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को लेकर बात करेगा। यही नहीं इनकी घेरेबंदी की रणनीति को लेकर दूसरे मुल्घ्कों को जानकारी साझा की जाएगी। इससे दूसरे मुल्क भी इन आतंकियों के खिलाफ कदम उठा सकेंगे।

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