पिछले वित्त वर्ष में रक्षा मंत्रालय ने घरेलू फर्मों से लक्ष्य से ज्यादा की खरीदारी
65.50 फीसदी आधुनिकीकरण कोष का इस्तेमाल घरेलू खरीद पर हुआ
नई दिल्ली। पिछले वित्त वर्ष में रक्षा मंत्रालय ने घरेलू फर्मों से खरीदारी पर अपने आधुनिकीकरण कोष के 64 फीसदी खर्च करने के लक्ष्य को पार कर लिया। मंत्रालय ने घरेलू खरीदारी पर 65.50 फीसदी कोष का उपयोग किया। वित्त वर्ष 2021-22 में मंत्रालय ने 64 फीसदी पूंजी अधिग्रहण बजट को घरेलू कंपनियों से खरीद के लिए रखा था। मंत्रालय ने बुधवार को कहा, वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में, रक्षा मंत्रालय इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए भारतीय उद्योग के माध्यम से स्वदेशी खरीद पर पूंजी अधिग्रहण बजट के 65.50 फीसदी का उपयोग किया। श्रक्षा क्षेत्र में श्मेक इन इंडियाश् को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय सेना की जरूरतों के लिए साजो सामान की खरीदारी घरेलू बाजार से भी कर रहा है, सिर्फ विदेशी कंपनियों पर ही निर्भर नहीं है। व्यय संबंधी प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने गत वित्त वर्ष में अपने बजट का 99.50 फीसदी उपयोग किया।
गौरतलब है कि भारत अपनी सैन्य आवश्यकताओं के लिए विभिन्न अधिग्रहणों पर दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करता है। इसका अधिकांश हिस्सा पहले आयात के माध्यम से हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में स्थिति बदल गई है। पिछले दिनों देश में रक्षा क्षेत्र की घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने घरेलू पूंजी खरीद और अधिग्रहण बजट का 25 फीसदी हिस्सा घरेलू निजी उद्योग के लिए निर्धारित करने का फैसला किया था। जो की करीब 21,149.47 करोड़ रुपये होगा। सरकार का यह कदम रक्षा उत्पादन क्षेत्र में काम कर रहे निजी उद्योग, एमएसएमई और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के तौर पर देखा जा रहा है।