आइपीएस की सीएपीएफ में एसएसपी रैंक पर प्रतिनियुक्ति पर विचार कर रहा केंद्र, बीएसएफ ने भेजा प्रस्ताव
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अधिकारियों की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में कमांडेंट्स या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रैंक पर प्रतिनियुक्ति की पुरानी व्यवस्था फिर शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। वर्तमान नीति के मुताबिक, आइपीएस अधिकारी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) , भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जैसे सीएपीएफ में कमांडेंट पदनाम से एक रैंक ऊपर उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) रैंक पर शामिल हो सकते हैं।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में आइपीएस अधिकारी कमांडेंट या एसएसपी रैंक पर काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में भी आइपीएस अधिकारी कमांडेंट रैंक पर प्रतिनियुक्ति पर आते थे, लेकिन प्रतिनियुक्ति पूल के अभाव समेत विभिन्न कारणों से पिछले कुछ दशक पहले इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था।
ताजा पहल सीमा सुरक्षा बल की ओर से हुई है। उसने इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें सीएपीएफ के भर्ती नियमों में संशोधन की मांग की गई है ताकि सीएपीएफ में कमांडेंट रैंक पर आइपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का प्रविधान किया जा सके। सीएपीएफ कैडर के अधिकारियों का कहना है कि अगर गृह मंत्रालय ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया तो उन्हें डर है कि उनकी पहले से ही विलंबित और रुकी हुई प्रोन्नतियां और अधर में लटक जाएंगी और मजबूरन उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी।
बीएसएफ कैडर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह प्रस्ताव लागू होने पर वर्षो से चल रहे विभिन्न अन्य मामलों के साथ कई और मुकदमे जुड़ जाएंगे। ये मामले उनकी प्रोन्नतियों में लंबे विलंब और लाभ प्रदान करने से जुड़े हैं। सीएपीएफ में कार्यरत एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ने कहा, श्वर्तमान में कुछ बल आइपीएस अधिकारियों को कमांडेंट रैंक पर ले रहे हैं और कुछ नहीं। सभी सीएपीएफ गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं इसलिए एकसमान नीति अपनाने की जरूरत है।