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यमन में हाउती विद्रोहियों से सात भारतीय नाविकों को छुड़ाया गया, सभी ने पीएम मोदी को धन्घ्यवाद कहा

नई दिल्ली। यमन में हाल ही में हाउती विद्रोहियों से बचाए गए सात भारतीय नाविकों ने उन्हें सुरक्षित रूप से भारत वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया। सात भारतीय उन 14 विदेशियों में शामिल थे, जिन्हें दो जनवरी को लाल सागर में संयुक्त अरब अमीरात के झंडे वाले व्यापारी पोत रवाबी को हाउती विद्रोहियों द्वारा बंदी बना लिया गया था।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नाविकों को रविवार को हाउती नियंत्रित यमनी राजधानी सना से ओमान की सहायता से मुक्त किया गया। वे ओमान की राजधानी मस्कट से भारत पहुंचे, जहां उन्हें ओमान की रायल एयर फोर्स से संबंधित एक विमान में स्थानांतरित किया गया। बचाए गए नाविकों में से एक मोहम्मद मुनवर समीर शेख ने बताया कि हम लगभग साढ़े तीन महीने से वहां फंसे हुए थे। भारत सरकार हमारे प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) और भारतीय दूतावास ने कड़ी बातचीत के बाद हमें बचाया। हम दिल से उन्हें धन्यवाद देते हैं। शेख ने कहा कि भारत सरकार ने हमारे साथ चार अन्य देशों के लोगों को भी बचाया।
उन्होंने कहा कि विदेशों की यात्रा करने वाले भारतीय हमेशा भरोसा कर सकते हैं कि उन्हें किसी चीज से डरना नहीं चाहिए। वे हमेशा अपनी सरकार पर भरोसा कर सकते हैं। बचाए गए लोगों में तीसरे नाविक वीरा वेंकट सुवा साई गिरीश ने कहा कि वे पीएम मोदी के प्रयासों के कारण अपने घरों को लौट सकेंगे।
सात भारतीयों के अलावा ब्रघ्टिेन से तीन और इंडोनेशिया, फिलीपींस, म्यांमार और इथियोपिया से एक-एक को हिरासत में लिया गया था और उन्घ्हें बिना किसी मुकदमे के यमन में रखा गया था। सोमवार को भारत सरकार ने नाविकों की रिहाई के लिए सभी संबंधित पक्षों विशेषकर ओमान की सरकार को धन्यवाद दिया।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत सरकार पिछले महीनों से भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई के लिए सभी प्रयास कर रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार इस दौरान हमारे नाविकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न दलों के संपर्क में थी। इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी उठाया था। इस बीच इस साल जनवरी महीने में अबू धाबी पर हाउतघ्यिों द्वारा किए गए ड्रोन हमले में दो भारतीय मारे गए थे।

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