बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को सुबह 6ः15 बजे खोल दिए जाएंगे

चमोली। बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार को सुबह 6ः15 बजे खोल दिए जाएंगे। मोक्षधाम बदरीनाथ के कपाट खुलने के शुभ मुहूर्त में कुछ घंटे रह गए है। जोशीमठ नृसिंह बदरी मंदिर में वैदिक पूजा अनुष्ठान के बाद अराध्य गद्दी, गाडू घड़ा बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल के सानिध्य में बदरीनाथ धाम पहुंच गई है। वहीं, बदरीनाथ मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलने का साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में तीर्थयात्राी बदरीनाथ धाम पहुंच चुके हैं। अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बदरीनाथ धाम को मोक्षधाम भी कहा जाता है। भगवान विष्णु के इस धाम को लेकर श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा है। बदरीनाथ देश के चारधामों में भी शामिल है। रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी और द्वारका के साथ शामिल है। मंदिर समुद्र तल से 10200 फीट की ऊंचाई पर है। मंदिर के ठीक सामने भव्य नीलकंठ चोटी है। मंदिर जोशीमठ से लगभग 45 किमी दूर है, जो कि एक बेस कैंप भी है। चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की संख्या मंदिर समिति की ओर से निर्धारित कर दी गई है। बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए हर दिन 15 हजार श्रद्धालु दर्शन करेंगे। वहीं केदारनाथ के दर्शन के लिए हर दिन 12 हजार यात्री दर्शन करेंगे। इसके अलावा गंगोत्री में 7000 यात्री 1 दिन में कर दर्शन करेंगे। जबकि एक दिन में यमुनोत्री में चार हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर सकेंगे। 2013 में आई केदार आपदा के बाद से चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट पर क्लिक करने पर होम पेज ओपन होगा। ऊपर चारधाम ऑफिशियल यात्रा रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें। जिसके बाद नया इंटरफेस खुलेगा। जिस पर दाहिने साइड में एक विंडो ओपन होगा। पहला ऑप्शन चारधाम टूर पैकेज होगा और दूसरा दूसरा चारधाम रजिस्ट्रेशन का। रजिस्ट्रेशन वाले आप्शन पर क्लिक करने पर नया इंटरफेस खुलेगा। जिसमें, राष्ट्रीयता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी इंटर कर सबमिट करने पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। अगर आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं तो हरिद्वार, देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 24 सेंटर बनाए गए हैं, जहां आप यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।