भारत को 1 लाख ड्रोन पायलट की है जरूरत
12वीं पास व्यक्ति को भी मिलेगा मौकार: ज्योतिरादित्य सिंधिया
नई दिल्ली। उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत को आने वाले कुछ सालों में करीब एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी। को नीति आयोग की तरफ से ड्रोन स्टूडियो अनुभव से जुड़े कार्यक्रम के आयोजन के दौरान सिंधिया ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत दुनिया का ड्रोन हब बन सकता है। उन्होंने कहा कि ड्रोन उद्योग में निवेश व रोजगार दोनों की भारी संभावनाएं हैं। ड्रोन निर्माण के लिए 5,000 करोड़ के निवेश की उम्मीद है जिससे 10,000 रोजगार मिल सकता है। वहीं ड्रोन से जुड़ी सेवाओं के लिए 30,000 करोड़ के उद्योग का सृजन हो सकता है।
सिंधिया ने कहा कि कृषि से लेकर खनन, सुरक्षा व कई अन्य क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र में ड्रोन के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए कई पहल की गई है। किसान ड्रोन पहल से खेत में कीटनाशक के छिड़काव से लेकर फसल के अनुमान लगाने तक में मदद मिलेगी। ड्रोन की मदद से भूमि का सही माप हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय फिलहाल देश में ड्रोन सेवाओं की मांग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ 12वीं पास व्यक्ति को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए कालेज की डिग्री की जरूरत नहीं है।
सिंधिया ने कार्यक्रम में कहा, हम ड्रोन सेक्टर को तीन पहियों पर आगे बढ़ा रहे हैं। पहला पहिया है नीति, दूसरा प्रोत्साहन का माहौल तैयार करना और तीसरा है घरेलू मांग को बढ़ावा देना। आप देख रहे हैं कि हम कितनी तेजी से नीतियों पर अमल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव यानी पीएलआइ के जरिये ड्रोन सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।