उत्तराखण्डस्वास्थ्य

अब स्कूली बच्चों को लू से डरने की नहीं है जरूरत

नई दिल्ली। भीषण गर्मी और तेज लू के बीच सरकार ने स्कूली बच्चों को बड़ी राहत देते हुए स्कूलों से कहा है कि वे सुबह जल्दी खोलें और दोपहर से पहले बंद भी कर दें। स्कूलों से बच्चों को ड्रेस कोड की अनिवार्यता से भी राहत देने का सुझाव दिए गए है। जिसमें उन्हें नेक टाई और लेदर शूज में ही आने की बाध्यता से छूट दी जाए। इसकी जगह उन्हें आरामदायक कपड़ों में और स्पोर्ट्स शूज में आने की इजाजत देने का भी सुझाव दिया है।
स्कूली बच्चों को तेज गर्मी से बचाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को स्कूलों और बच्चों के लिए एक अहम गाइडलाइन जारी की है। जिसमें स्कूलों के खुलने और बंद होने के बाद समय को अनुकूल बनाने, खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों को बाहर धूप में न संचालित करने, साथ ही स्कूलों के खुलने के घंटे में लगातार कमी लाने का भी सुझाव दिया है। इसके साथ ही स्कूली बसों और वैन को भारी भीड़ से मुक्त रखने, उनमें पीने की पानी की व्यवस्था रखने का भी सुझाव दिया है।
अभिभावकों को भी सुझाव दिया है कि वह बच्चों को बसों या वैन से भेजने की जगह उन्हें भेजने और लाने की व्यवस्था खुद ही संभाले तो ज्यादा बेहतर होगा। बच्चों को पानी की बोतल साथ रखने और ताजा खाना खाने का सुझाव दिया है। शिक्षकों से भी इस पर निगाह रखने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय ने इसके साथ ही परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की लू व गर्मी से बचाने के लिए बेहतर व्यवस्थाएं रखने का भी निर्देश दिया है। जिसमें परीक्षा हाल में पंखे की व्यवस्था करने, पीने के पानी की व्यवस्था करने आदि का निर्देश दिया है। इसके साथ ही बच्चों को पर्याप्त पानी पीने, यदि कोई दिक्कत हो तो ओआरएस का इस्तेमाल करने, सिर को ढ़कने, जिसमें टोपी भी लगाने का सुझाव दिया है। छात्रों को इस दौरान खाली पेट या ज्यादा खाना खाकर बाहर न जाने का सुझाव दिया है। स्कूलों से इस दौरान प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी रखने के लिए कहा गया है।

 

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