जौहर यूनिवर्सिटी को गिराने की धमकी को लेकर आजम खान ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी उस याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की जिसमें उनकी जमानत शर्तों के तहत मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को ढहाए जाने की आशंका जताई गई है। आजम की ओर से पेश अधिवक्ता निजाम पाशा ने तत्काल सुनवाई के लिए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।
मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के विध्वंस की धमकी को लेकर अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। अधिवक्ता निजाम पाशा इस मामले में आजम खान की जमानत की शर्त का भी हवाला दिया।
मामला वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर गलत तरीके से कब्जा करने का है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में कई शर्तें लगाई थी। आजम खान एवं अन्य के खिलाफ कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने और करोड़ों रुपये से अधिक के सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के मामले में केस दर्ज किया गया था।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि देश के विभाजन के दौरान इमामुद्दीन कुरैशी नामक शख्स पाकिस्तान चला गया था। इमामुद्दीन कुरैशी की जमीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज की गई थी लेकिन आरोप हैं कि आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित तौर पर भूखंड पर कब्जा कर लिया था।
रामपुर के अजीम नगर थाने में भारतीय दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम कानून के तहत आजम खान एवं अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया था। कुछ दिन पहले जेल से बाहर आए आजम खान पिछले साल फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद थे क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।