बारिश से फसल और फल को लाभ तो आंधी से नुकसान
हरियाणा में कपास तो बिहार में बढ़ेगी लीची की मिठास
।नई दिल्ली। उत्तर भारत में तूफानी बारिश के चलते कई राज्यों में मौसम तो सुहाना हुआ। हरियाणा, पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार तक तेज आंधी से फसलों को जहां नुकसान पहुंचा है। हालांकि कुछ फल और सब्जियों को बारिश का फायदा भी मिलेगा। कपास और धान की खेती को बारिश से फायदा मिलेगा तो आम के लिए तेज आंधी के साथ आई यह बारिश नुकसानदायक रही।
तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से फसलों को फायदा हुआ है। कृषि विज्ञानियों के अनुसार बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ी है, जिससे खेती को काफी फायदा होगा। ऐसे इलाके जहां खारे पानी की समस्या है, वहां बारिश का मीठा पानी खेती के लिए फायदेमंद है। खेत में लगी चारे वाली फसल, मूंग, ज्वार व बाजरे की फसल को इस बारिश से पर्याप्त नमी मिली है। सबसे बड़ी बात है कि बारिश के कारण तापमान में आई कमी के कारण अब बागवानी की फसल में परागण अच्छे से होगा। इसका असर फूल व फल के विकास पर पड़ेगा। विज्ञानियों का कहना है कि तेज हवा के असर से केवल आम को नुकसान हुआ है। बेल वाली सब्जियों की ऐसी फसल जिनमें बेल मचान पर चढ़ी थी, उसके टूटने से बहुत थोड़ा नुकसान हुआ है।
उत्तर प्रदेश में आम के टूट कर गिरने से लखनऊ के मलिहाबाद व अन्य जिलों के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। आम का साइज बड़ा हो जाने से आंधी में काफी कच्चा आम टूटकर गिर गया। गिरे आम की कीमत दस फीसद ही रह गई।
पदमश्री किसान रामसरन वर्मा के मुताबिक मेंथा के लिए यह बारिश फायदेमंद है, लेकिन लतावर्गीय लौकी, कद्दू, खीरा तरबूज, तुरई को 20 प्रतिशत का नुकसान हुआ। धान की अग्रिम रोपाई के लिए खेत तैयार करने का समय है। केले की फसल के लिए भी यह बारिश नुकसानदेह है।
हरियाणा में मौसम के बदले मिजाज के कारण भीषण गर्मी से कपास के पत्ते जल गए थे। अब कपास को प्राकृतिक रूप से नमी मिलने पर इनकी बढ़वार अच्छी होगी। कपास में पहली सिंचाई 30 से 40 दिन में होती है तो बारिश ने फायदा ही दिया है। जहां धान की पौधा लगा रखी है वहां भी तापमान का प्रभाव था। यहां भी बारिश फायदेमंद साबित हुई। इसके साथ ही सब्जियों व फलों में बारिश का फायदा हुआ है। क्योंकि इन फलों आदि को बारिश से अच्छी बढ़वार मिलेगी।
पेड़ों में लगे आम और लीची के फल में मिठास के लिए इस बारिश को वरदान माना जा रहा। हालांकि, मक्का और सूर्यमुखी की फसल के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है। खेतों में तैयार मक्के की बालियां बारिश में बिल्कुल भीग गई हैं। अब दाने निकालने में परेशानी होगी, जबकि भीग जाने से तैयार मक्का के दानों के अंकुरित होने की आशंका बढ़ गई है। खरीफ फसल, विशेषकर धान के बीज गिराने के लिए खेतों में पर्याप्त नमी हो जाने से कई किसान प्रसन्न भी हैं। इस बारिश ने गन्ना किसानों को फसल की एक सिंचाई से मोहलत भी दी है।