उत्तराखण्ड

चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्वस्थ हुए चालकों को वाहन चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगीः चंदन रामदास

राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों की बढ़ती संख्या पर जताई चिन्ता
देहरादून। उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जनपद में दो दिन पूर्व हुए बड़े सड़क हादसे के बाद आखिरकार परिवहन विभाग जाग गया। चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्वस्थ और थके हुए चालकों को वाहन चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों की बढ़ती संख्या पर चिन्ता जताते हुए कहा कि कोई भी दुर्घटना घटित होना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें प्रभावित परिवार के साथ-साथ प्रदेश को भी क्षति पहुंचती है। परिवहन मंत्री ने भविष्य में पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए विशिष्ट कार्ययोजना बनाये जाने पर बल दिया। परिवहन मंत्री चन्दन राम दास की अध्यक्षता में मंगलवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय, देहरादून में विभागीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में परिवहन मंत्री की ओर से राजस्व, सड़क सुरक्षा, डिजीटाईजेशन, निर्माण कार्यों एवं प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को कई निर्देश दिये गये। वर्तमान में विभाग द्वारा वाहन स्वामियों से भिन्न-भिन्न नामों से (ग्रीन उपकर, प्रवेश उपकर आदि) करो की वसूली की जा रही है। इससे वाहन स्वामियों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। विभाग की ओर से कर ढांचे को तर्कसंगत बनाते हुए उसका सरलीकरण किया जाये। परिवहन मंत्री की ओर से अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि विभाग का उद्देश्य केवल करों की वसूली ही नहीं होना चाहिए बल्कि ऐसे प्रयास करने चाहिए कि जनता को परिवहन विभाग की पारदर्शी और त्वरित सेवा सुगमता से प्राप्त हो सके। मार्ग पर भ्रमण के दौरान देखा गया है कि विभाग की ओर से यात्रा मार्गों पर जो चैकपोस्टें स्थापित की गयी है, यहां नेटवर्क कनेक्टिविटी न होने के कारण वाहनों के प्रपत्रों की ऑनलाईन जांच नहीं हो पा रही है, जिससे वाहन स्थानियों को अनावश्यक विलम्ब हो रहा है और चेकपोस्ट पर लाईन भी लग रही है। परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये कि चैकपोस्टों को ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाये जहां कनेक्टिविटी उपलब्ध हो और वाहन स्वामियों को कम से कम परेशानी हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभाग की ओर से अधिकतर कार्य ऑनलाईन कर दिये गये हैं लेकिन कार्यों का ऑटोमेशन करते समय यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इस व्यवस्था का लाभ अपेक्षाकृत कम पढ़े-लिखे चालक-परिचालक को मिले और उसे अनाधिकृत व्यक्तियों के पास न जाना पड़े। बकाया राजस्व के मामलों की समीक्षा करते हुए परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये कि विभाग द्वारा लम्बे समय तक वाहन स्वामियों को मांग पत्र/वसूली पत्र निर्गत नहीं किये जाते हैं, जिसके कारण वाहन स्वामी के प्रति देय धनराशि बढ़ती रहती है और जब विभाग की ओर से वाहन स्वामियों को बकाया जमा करने का नोटिस दिया जाता है, तब वाहन स्वामी बकाया जमा करने में सक्षम नहीं हो पाता है। परिवहन मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे वाहन के बकाया में आने के एक वर्ष के अन्तर्गत नोटिस जारी करते हुए वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। परिवहन मंत्री ने सभी ब्लैक स्पॉट/ संवेदनशील स्थलों पर कैश बैरियर लगाये जाने, ओवरस्पीड/ नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन की कार्यवाही करने के निर्देश दिये। साथ ही निर्देश दिये गये कि समय-समय पर मोबाईल टीम की ओर से चालक की दशा व स्वास्थ्य की भी जाँच की जाए कि कहीं चालक अस्वस्थ अथवा थका हुआ तो नहीं है। परिवहन मंत्री ने चालकों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करने के भी निर्देश दिये गये। परिवहन मंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि किसी भी प्रकार की घटना होने पर सबसे पहले स्थानीय व्यत्तिफ़ ही मदद के लिए पहुंचता है, पुलिस, परिवहन अथवा अन्य विभाग के अधिकारी बाद में पहुंचते हैं। इसलिए विभाग की ओर से फर्स्ट रेस्पोन्डर प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए, ताकि घायलों को तत्काल फर्स्ट एड उपलब्ध कराते हुए, उनकी जान बचायी जा सके। कोविड-19 से प्रभावित चालको/ परिचालको/ क्लीनर्स को मुख्यमंत्री ने की घोषणा के अनुरूप धनराशि की सभी किश्त प्राथमिकता के आधार पर सम्बन्धित लाभार्थियों के खाते में स्थानान्तरित की जाये। परिवहन मंत्री ने निगम की आय बढ़ाने और यात्रियों को निगम की बेहतर सेवायें उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। यह भी निर्देश दिये गये कि निगम स्तर पर वाहन चालकों एवं परिचालकों के लिए विश्राम स्थल की उचित व्यवस्था की जाये।
बैठक में अरविन्द सिंह ह्याँकी, सचिव, परिवहन, रणवीर सिंह चौहान, परिवहन आयुक्त रोहित मीणा, प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम, सनत कुमार सिंह, संयुक्त परिवहन आयुक्त, सुधांशु गर्ग, उप परिवहन आयुक्त, डॉ. अनिता चमोला, सहायक परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड दीपक जैन, महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

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