कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई प्रभावित बंद रखने पड़ रहे पंप
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब सहित कई राज्यों में तेल कंपनियां मांग के अनुपात में पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति नहीं कर रही हैं। मध्य प्रदेश में तो आपूर्ति 50 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है। ऐसा क्यों हो रहा है, इस बारे में जानने के लिए तेल कंपनियों के पदाधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, मगर किसी ने भी खुलकर बात नहीं की। ऐसी चर्चा जरूर है कि पेट्रोल व डीजल पर घाटे की बात कर ऐसा किया जा रहा है।
बिहार में सप्लाई अभी प्रभावित नहीं हुई है, मगर कंपनियां नकद भुगतान करने पर ही तेल उपलब्ध करवा रही हैं। हरियाणा व पंजाब में भी नकद भुगतान की बात कंपनियां कर रही हैं। मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पंपों पर पेट्रोल व डीजल की किल्लत शुरू हो गई है। हालांकि, इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसी) के पंपों पर अभी ज्यादा समस्या नहीं है, लेकिन इन पर भी दबाव बढ़ने लगा है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह में यहां भी किल्लत शुरू हो जाने की आशंका है।
तेल कंपनियों का दावा है कि डीजल पर 23 और पेट्रोल में 16 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा है, इसलिए पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति कम की जा रही है। इससे नाराज मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने मुख्य सचिव ने संबंधित जिले के कलेक्टरों से खपत के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति कराने की मांग की है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) घटा दी थी। इससे लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों पर ब्रेक लग गया था और इसकी कीमत कुछ कम हो गई थी। तभी से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करने में घाटा होना बता रही हैं और पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं कर रही हैं।
मप्र पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अनुसार तेल कंपनियां पंप मालिकों से कह रही हैं कि आठ घंटे तक ही पंप खोलें। सप्लाई नहीं मिलने से पंजाब में बंद रहे पेट्रोल पंप तेल कंपनियों से सप्लाई नहीं मिलने के चलते गत शनिवार को पंजाब के माझा और दोआबा क्षेत्र के करीब 50 पेट्रोल पंप बंद रहे। कई अन्य पंपों पर तेल की सप्लाई देरी से मिलने पर वहां पांच से छह घंटे तक तेल नहीं मिला। हालांकि, रविवार को स्थिति सामान्य हो गई।
मप्र पेट्रोप पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि खरीफ की फसलों की बोवनी शुरू होनी है। ऐसे में खेतों की जुताई व बोवनी के लिए ट्रैक्टर चलने से डीजल की खपत चार गुना तक बढ़ जाती है। अभी से डीजल की किल्लत है तो आने वाले दिनों में किसानों को पर्याप्त डीजल नहीं मिल सकेगा। इससे खरीफ की फसल की बोवनी प्रभावित हो सकती है।