किन्नर के गुरु को अभिभावक का दर्जा देगा निर्वाचन आयोग
नई दिल्ली। देश में आम नागरिक आसानी से मतदाता बन सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इस प्रक्रिया के तहत नामांकन के लिए प्रयोग होने आवेदन फार्म की श्रेणियों में जरूरी बदलाव किए गए हैं। इस बदलाव के बाद अब किन्नर श्रेणी के तहत आने वाले 18 वर्ष तक की आयु के मतदाताओं के गुरुओं को ही उनके अभिभावक का दर्जा दिया गया है। यह आदेश एक अगस्त 2022 से लागू होगा। इन प्रावधानों को कानूनी मान्यता मिलने के बाद आयोग ने सभी राज्यों को इन व्यवस्थाओं प्रयोग करने का आदेश दिया है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आयोग ने एक दर्जन से अधिक फार्म की प्रक्रिया को आसान किया है, इन्हें मंजूरी के लिए कानून मंत्रालय को भेजा गया था। इसके लिए मंत्रालय ने भी अधिसूचना जारी कर दी है और इसके बाद नई व्यवस्था लागू की जा रही है। आयोग ने नए मतदाताओं के लिए प्रयोग होने वाले फार्म छह में अनाथ व किन्नर श्रेणी के मतदाताओं के लिए प्रावधान किया है। इस बाबत निर्वाचन आयोग के सचिव अजाय कुमार ने आदेश जारी किए हैं। प्रावधान में बताया गया है कि किन्नर के लिए संबंधित व्यक्ति के गुरु को अभिभावक माना जाएगा जबकि अनाथ की श्रेणी में जो भी अभिभावक तय है उनके नाम ही प्रयोग किया जा जाएगा। इसके अतिरिक्त जन्म प्रमाणपत्र और आवास का पता पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए किया जाएगा।
इसी प्रकार नए फार्म आठ का प्रयोग आवास पता बदलने, मतदाता सूची में गलती सुधारने, मतदाता पहचान पत्र दूसरा बनवाने और विकलांग व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सभी अधिकारियों को आगामी 31 जुलाई तक इन प्रावधानों को लागू करने के आदेश दिए गए हैं, ये फार्म आगामी एक अगस्त 2022 से लागू कर दिए जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि आम जनता को आसानी से इस संबंध में समझाया जाए। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को फार्म से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जाए।इन आदेशों की प्रति सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचन आयोग को भेजी गई है।