उत्तराखण्ड

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को उद्देश्य परक योजनाओं को तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांवों में पलायन के कारणों की जांच करते हुए एवं समस्याओं के निवारण पर फोकस करते हुए योजनाएं बनाई जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का पलायन रोकने के लिए सिर्फ उस गांव को ही नहीं बल्कि उसके आसपास के क्षेत्र को शामिल करते हुए एक समग्र विकास योजना तैयार की जाए। उन्होंने इसमें प्राइवेट सेक्टर को शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक-एक साल के शॉर्ट टर्म प्लान के बजाए 3 या 5 साल का रोलिंग प्लान तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए गांवों में जाकर वहां के लोगों से बात करने के बाद ही उनकी जरूरतों एवं क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए प्लान तैयार किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों एवं अन्य उच्चाधिकारियों से पलायन रोकथाम किए जाने हेतु सुझाव मांगते हुए स्कीम में संशोधन और पुनर्निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया के गांवों के साथ ही, अधिक समस्या वाले गांवों को प्राथमिकता के आधार पर लेते हुए, कम समस्या वाले गांवों को बाद में लिया जा सकता है। जिलाधिकारी एवं उनकी टीम को गांवों में जाकर देखना होगा कि पलायन रोकने के लिए किस प्रकार की एरिया स्पेसिफिक योजनाओं को गांव स्तर पर लागू किया जाए ताकि पलायन रोकने में कारगर हों।
मुख्य सचिव ने क्षेत्र विशिष्ट और आवश्यकता आधारित योजनाएं तैयार करते हुए आसपास के क्षेत्रों को शामिल करते हुए इंटीग्रेटेड स्कीम तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इकोनॉमिक एक्टिविटीज के साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अपर सचिव रंजना, प्रभारी सचिव आर. राजेश कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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