नई दिल्ली। एफ-16 लड़ाकू विमानों को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद का फैसला किया है। अब भारत के पूर्व राजनयिक ने अमेरिका के इस कदम पर चिंता जाहिर की है। कहा जा रहा है कि अमेरिका अब पाकिस्तान को भारत की बराबरी करने में मदद कर रहा है। हालांकि, अमेरिकी पक्ष इसके तार आतंकवाद विरोधी गतिविधियों से जोड़ रहे हैं। गुरुवार को ही अमेरिका ने 450 मिलियन डॉलर की सहायता देने के फैसले को मंजूरी दी है।
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त रह चुके जी पार्थसार्थी ने कहा, उन लड़ाकू विमानों में आधुनिक रडार और मिसाइल क्षमताएं हैं। यह साफतौर पर पाकिस्तान को लड़ने की क्षमताओं में बढ़त देने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी डिलीवरी भारत के लिए साफ संदेश है कि अमेरिका पाकिस्तान को हमारी बराबरी के लिए क्षमताएं देने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा, हमारे खिलाफ ऐसी क्षमताओं का इस्तेमाल पहले भी हो चुका है। हमें इसे चिंता के साथ उठाना चाहिे और अमेरिका को न केवल राजनीतिक रूप में बल्कि उनके कामों और मुद्दों के संदर्भ में अमेरिका को संकेत भेजा जाना चाहिए, क्योंकि यह कुछ ऐसा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।श्
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपट सकें। पिछले चार वर्षों में इस्लामाबाद को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है।
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 2018 में आतंकवादी सगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर उसे दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता निलंबित कर दी थी।
अमेरिकी संसद को दी एक अधिसूचना में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री (एफएमएस) को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने दलील दी कि इससे इस्लामाबाद को वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, अमेरिकी सरकार ने कांग्रेस को प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की सूचना दी है ताकि पाकिस्तान की वायु सेना के एफ-16 कार्यक्रम को बनाए रखा जा सके। पाकिस्तान एक महत्वपूर्ण आतंकवादी रोधी सहयोगी है।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान वृहद द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है। इससे पाकिस्तान अपने एफ-16 बेड़े को बनाए रखते हुए वर्तमान तथा भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपटने में सक्षम होगा। एफ-16 बेड़े से पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियान में सहयोग मिलेगा और हम पाकिस्तान से सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं।