राष्ट्रीय

चीनी कंपनियों पर कसता जा रहा म्क् का शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नए सिरे से छापेमारी

नई दिल्ली। भारत में व्यापार कर रही चीनी कंपनियों पर प्रवर्तन निदेशालय का शिंकजा कसता जा रहा है। बुधवार को ईडी ने कुछ भुगतान सेवा मंच (गेटवे) और अन्य कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नए सिरे से छापेमारी की है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, यह कार्रवाई चीनी व्यक्तियों की ओर से नियंत्रित ऐप के जरिए तुरंत लोन देने वाली कंपनियों की ओर से कथित वित्तीय अनियमतितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ पेमेंट गेटवे ऑपरेटरों से जुड़े परिसरों और ऋण ऐप लेनदेन में लगी कुछ कंपनियों और लगभग तीन राज्यों में ऑपरेटरों की तलाशी ली जा रही है। पेटीएम के एक प्रवक्ता ने कहा कि कार्रवाई उसी मामले से जुड़ी है जिसमें एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में तलाशी ली थी।
पेटीएम ने कहा, श्जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है कि ईडी कई भुगतान सेवा प्रदाताओं से कुछ व्यापारियों के बारे में जानकारी मांग रहा है और हमने आवश्यक जानकारी साझा की है।श् इस जांच के तहत संघीय एजेंसी ने दो सितंबर को पेटीएम, रेजरपे और कैशफ्री जैसे पेमेंट गेटवे के बेंगलुरु स्थित परिसरों पर छापा मारा। उस छापेमारी के दौरान चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इकाइयों की श्मर्चेंटश् आईडी और बैंक खातों में रखे गए 17 करोड़ रुपए के धन को जब्त किया गया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आठ सितंबर को हुई मंत्रालय और रिजर्व बैंक अधिकारियों की बैठक में अवैध ऋण ऐप से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की थी। इस बैठक में इस तरह के ऐप के संचालन की जांच के लिए कई उपाय करने का निर्णय लिया था। गौरतलब है कि ये पेमेंट गेटवे कंपनियां देश में कोविड-19 महामारी के बाद वर्ष 2020 से ईडी की कार्रवाई के निशाने पर हैं।

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