उत्तराखण्ड

राज्यपाल ले.ज. गुरमीत आगामी 17 सितम्बर को राजभवन से टीबी मुक्त उत्तराखंड का शुभारम्भ करेंगे

देहरादून। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह आगामी 17 सितम्बर को राजभवन से टीबी मुक्त उत्तराखंड का शुभारम्भ करेंगे। अभियान के तहत कार्यक्रम में मौजूद महानुभाव भी टीबी रोगियों की देखभाल एवं उपचार के लिये जन सहभागिता के तहत नि-क्षय पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा कर नि-क्षय मित्र बनेंगे। इसके साथ ही राज्यपाल सहित कार्यक्रम में मौजूद अन्य महानुभाव स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिन्हित एक-एक टीबी मरीजों की जिम्मेदारी भी लेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को कार्यक्रम की जानकारी लेते हुये बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देशभर में 17 सितम्बर से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राजभवन देहरादून में टीबी मुक्त उत्तराखंड का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा सांसद टिहरी, मेयर देहरादून, जनपद के प्रभारी मंत्री, स्थानीय विधायक व जनपद के अन्य विधायकगण मौजूद रहेंगे। डॉ. रावत ने बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रदेशभर में टीबी उन्मूलन के लिये जन जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग, सहकारी समितियां, कार्पाेरेट्स, संस्थान, एनजीओ तथा व्यक्तिगत रूप से नागरिक नि-क्षय मित्र के रूप में अपनी भूमिका निभायेंगे। इस अभियान के तहत ये सभी संगठन एवं व्यक्ति प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित टीबी मरीजों में से स्वैच्छा से एक या अधिक मरीजों को एक से लेकर तीन वर्ष तक के लिये गोद ले सकते हैं। इस दौरान संबंधित संगठन या व्यक्ति को गोद लिये गये टीबी मरीज की समय-समय पर देखभाल के साथ ही पौष्टिक आहार के रूप में प्रतिमाह फूड बास्केट पर आने वाले लगभग रूपये 1000 का भुगतान करना होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अभी तक प्रदेशभर में लगभग 15 हजार 500 टीबी मरीज चिन्हित किये गये हैं। जिनमें से लगभग 82 फीसदी टीबी मरीजों ने अपनी देखभाल एवं उपचार के लिये सहमति दे दी है। जिसके क्रम में सैकड़ो लोगों ने नि-क्षय मित्र बनने के लिये अपना पंजीकरण कर लिया है। इसी प्रकार जो व्यक्ति या संगठन टीबी रोगियों को गोद लेना चाहते हैं, उनको नि-क्षय पोर्टल पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक है।

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