उत्तराखण्ड

यूकेएसएससी मामले में एसटीएफ ने पूर्व चेयरमैन डॉ.आरबीएस रावत , सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को किया गिरफ्तार

भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ( यूकेएसएससी) की वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीपीओ) भर्ती घोटाले में धामी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती घोटाले में आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ.आरबीएस रावत , सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया है। यह इस भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। बता दें कि 2016 वपीडीओ भर्ती के मामले में लंबे समय से जांच चल रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुख के बाद जांच एजेंसियों ने भी तेजी दिखाई। मुख्यमंत्री धामी ने पिछले दिनों भर्तियों पर उठ रहे सवाल के जवाब देते हुए कहा था कि वो अपने युवा भाई-बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, सरकारी नौकरियों की भर्ती में भ्रष्टाचार का जो दीमक लगा है, उसे वे जड़ से मिटा देंगे। इसी कड़ी में वीपीडीओ भर्ती में 8 साल बाद दोषियों के खिलाफ यह कार्रवाई करते हुए धामी सरकार ने बड़ी लकीर खींच दी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) चयन परीक्षा करवाई गई। यह परीक्षा प्रदेश के सभी 13 जिलों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई। इस परीक्षा में कुल 87,196 परीक्षार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। वहीं, 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था। परीक्षा में धांधली की विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 2017 में जांच समिति गठित की गई थी। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने इस परीक्षा परिणाम को अनियमितताओं के पुष्टि के बाद निरस्त करने के आदेश दिये थे। जिसके बाद इस परीक्षा धांधली की जांच 2019 में विजिलेंस को सौंपी गई। जिसके बाद इस मामले में विजिलेंस की ओर से धारा 420/468/467/120बी आईपीसी व धारा 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई थी। शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, 2020 से 2022 तक इस मामले की जांच विजिलेंस ही कर रही थी। इस भर्ती में धांधली के खिलाफ लगातार उठ रहे सवालों के बाद अगस्त महीने में मुख्यमंत्री के आदेश पर यह जांच एसटीएफ को सौंपी गई। जिसके बाद से एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही थी। एसटीएफ ने विवेचना को आगे बढ़ाते हुए सूबत इकट्टा किये गए और पूर्व में जांच कमेटी ने इस परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को एफसीएल भेजा गया था। एफसीएल से ओएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद शनिवार को आयोग के पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया गया है। उल्लेखनीय है कि जांच के दौरान एसटीएफ ने पाया कि इस परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग व फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था। जांच में अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों को एसटीएफ ने चिन्हित करके उनके बयान भी दर्ज किये हैं। साथ ही इस जांच के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी दर्ज कराए जा चुके हैं। जो केस की अहम सबूत हैं। इस चर्चित मामले में एसटीएफ पहले ही तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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