उत्तराखण्ड

विधानसभा शीतकालीन सत्रः विपक्ष ने उत्तराखण्ड में कानून व्यवस्था का मुद्दा सदन में उठाया, कांग्रेस विधायकों ने आपराधिक घटनाओं को सामने रखा, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. अग्रवाल ने दिया जवाब

  • नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने लॉ एण्ड आर्डर मुद्दे पर संभाला मोर्चा
  • अंकिता भण्डारी मर्डर केस को भी सदन में उठाया, सरकार पर साधा निशाना
    देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। सत्र शुरू होने से पहले ही कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में धरने पर बैठें। पहले दिन सत्र की भोजनावकाश की कार्यवाही शुरू होने केबाद एक बार फिर विपक्ष ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और लगातार हो रहे अपराधों का मामला सदन में उठाया।
    कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि बलात्कार, चोरी, हत्या औ डकैती की घटनाएं लगातार हो रही हैं। आर्य ने सदन में इस साल में 15 नवम्बर तक 8 माह के आपराधिक आंकड़ें रखते हुए कहा कि इस दौरान 139 हत्याएं, 269 महिलाओं के अपहरण और 554 बलात्कार के मामल में सामने आए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चोरी, रंगदारी, लूट जैसे आपराधिक मामलों की कोई गिनती नहीं है। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी मर्डर केस से उत्तराखण्ड में ही नहीं देश के कई क्षेत्रों में गुस्सा और रोष देखने को मिला। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी घुमते रहे और पीड़ित मां-बाप इंसाफ के लिए भटकते रहे। एफआईआर दर्ज नही हुई। लोग जब इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरे तब जाकर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। आर्य ने कहा कि जिस कमरे में अंकिता भंडारी रहती थी उस बंद कमरे में भी आग लगा दी गई और साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। उन्होनें कहा कि यह घटना आहत करने वाली है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महिलाओं के साथ हो रही घटनाएं चिंता का विषय है। अंकिता भंडारी के बूढ़े मां-बाप न्याय के लिए भटक रहे है। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड़ के बाद कांग्रेस ने हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि असली गुनाहगार कौन है। उसका नाम सामने आना चाहिए। जो आज भी खुली हवा में सांस ले रहा है।
    नेता प्रतिपक्ष ने नेता सदन की ओर इशारे करते हुए कहा कि उन्होंने प्रदेश में रिजोर्टस पर कार्रवाई करने की बात कही थी मगर यह कार्रवाई सीमित ही रही। नेता प्रतिपक्ष ने अल्मोड़ा में दलित युवक की हत्या, उत्तरकाशी में दलित लड़की के साथ बलात्कार, भगवानपुर में जहरीली शराब से 42 मौते, जसपुर में महिला की हत्या, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के यहां दिनदहाड़े हुई डकैती की वारदात, गढ़वाल की बेटी पिंकी सहित काशीपुर, बाजपुर की आपराधिक घटनाओं को भी सदन में रखा। आर्य ने कहा कि ऊधमसिंहनगर अपराधिकों का अड्डा बन चुका है। जगह-जगह ड्रग्स बिक रही है। उन्होंने सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इन आपराधियों को पुलिस का संरक्षण है। उन्होंने हल्द्वानी में पुलिसकर्मी की पत्नी की हत्या का मामला भी सदन में उठाया। आर्य ने पुलिस के आला अफसर, इंसपेक्टर, दरोगा घटना स्थल पर जाना नही ं चाहते क्योंकि अपराधियों के साथ पुलिस अफसरों के रिश्ते हैं। वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने प्रदेश में कानून व्यवस्था के मामले पर सदन पर बोलते हुए कहा कि इस समय कानून व्यवस्था नाजुक दौर से गुजर रही है। ऐसी-ऐसी घटनाएं हो रही है जिनकी कल्पना नहीं की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा अच्छा लगता है। प्रीतम सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब बेटियां ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो पढ़ेंगी कैसे उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी मर्डर केस में राजस्व पुलिस की मिलीभगत थी। प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में कौन वीवीआईपी शामिल है जिसका नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। आज प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है। कानून व्यवस्था पर उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, ममता राकेश, हरीश धामी और तिलक राज बेहड़ सहित कई विधायकों ने अपनी बात रखी। इस मुद्दे पर विपक्ष ने लगातार सदन गरमाये रखा। विपक्षी कांग्रेस सदस्यों के कानून व्यवस्था के उठाए गए मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल ने विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने बताया कि किस मामले मंे सरकार और पुलिस विभाग की ओर से त्वरित कार्रवाई की गई।

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