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जैसी करनी वैसी भरनी: 20 हजार  की रिश्वत लेने वाले सेक्शन इंचार्ज को सीबीआई कोर्ट ने सुनाई पांच साल कैद की सजा,  दो लाख का जुर्माना भी लगाया

  • दिल्ली निवासी नवीन पटवाल की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई

  • सीबीआई ने 4 नवंबर 2016 को देहरादून के पटेलनगर स्थित कार्यालय में सुरेंद्र कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते हुए किया था गिरफ्तार

देहरादून। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) कार्यालय के घूसखोर सेक्शन इंचार्ज को स्पेशल सीबीआई जज बृजेंद्र सिंह की कोर्ट ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है। दोषी ने 6 साल पहले मशरूम व्यापारी से निर्यात में छूट से जुड़ा लाइसेंस जारी करने के लिए में 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। अदालत ने दोषी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआई अधिवक्ता अभिषेक अरोड़ा ने बताया कि दिल्ली निवासी नवीन पटवाल ने 3 नवंबर 2016 को शिकायत की थी। पटवाल वेलकिन फूड्स कंपनी रुड़की के पार्टनर थे। उन्हें मशरूम निर्यात के लिए मिलने वाली छूट से जुड़ा निर्यात संवर्द्धन पूंजीगत वस्तु योजना (ईपीसीजी) लाइसेंस चाहिए था। इसके लिए उन्होंने 21 अक्टूबर 2016 को ऑनलाइन आवेदन किया। 25 अक्टूबर 2016 को मेल आया कि उनके पास इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट कोड नहीं है। इसलिए लाइसेंस जारी नहीं हो सकता है।
पटवाल ने संपर्क किया तो उन्हें डीजीएफटी कार्यालय भेजा गया। यहां उनकी सेक्शन इंचार्ज सुरेंद्र कुमार गुप्ता निवासी रानीबाग दिल्ली से मुलाकात हुई। आरोप है कि गुप्ता ने लाइसेंस जारी करने के लिए इशारा करते हुए दो रुपये देने को कहा। पटवाल उनका कोड नहीं समझा तो गुप्ता ने कहा कि लाईसेंस के लिए 20 हजार रुपये देने होंगे। पटवाल ने इसकी शिकायत सीबीआई में कर दी।
सीबीआई ने 4 नवंबर 2016 को विभाग के पटेलनगर स्थित कार्यालय में 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए सुरेंद्र कुमार गुप्ता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
मुकदमे में विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी गई। सीबीआई ने इस मुकदमे में कुल 15 गवाह पेश किए। वहीं, बचाव पक्ष केवल एक गवाह पेश कर पाया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों और गवाहों के आधार पर गुप्ता को दोषी पाया और कठोर सजा सुनाई।

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