उत्तराखण्डक्राइमदेहरादून

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, जमीनी स्तर पर पुलिसिंग में होगें महत्वपूर्ण सुधार , जमीनी स्तर पर काम करने वाले जवानों से मांगे गए सुझाव 

  • उत्तराखंड पुलिस मंथन-समाधान एवं चुनौतियां की कार्यशाला में हुई चर्चा 

  • शासन स्तर के मुद्दों के सम्बन्ध में शासन को प्रस्ताव  किया जाएगा प्रेषित

देहरादून। वर्टिकल इंटरैक्शन कार्यशाला में जमीनी स्तर पर पुलिसिंग कर रहे जवानों से सुझाव मांगे गए। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के सामने पुलिस के जवानों ने अपनी समस्याओं को रखा व पुलिसिंग में सुधार के लिए सुझाव दिए। उत्तराखंड पुलिस मंथन-समाधान एवं चुनौतियां की कार्यशाला के तीसरे दिन पुलिस लाइन डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में एक वर्टिकल इंटरैक्शन का आयोजन किया गया।
डीजीपी ने कहा कि यह वर्टिकल इंटरैक्शन कार्यशाला जमीनी स्तर पर पुलिसिंग कर रहे जवानों जिसमें पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक, उपनिरीक्षक, अपर उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षी, आरक्षियों से बेहतर पुलिसिंग के लिए सुझाव लेने के लिए आयोजित की गयी है। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम, ड्रग्स, ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए पुलिस की कार्यप्रणाली में क्या सुधार की आवश्यकता है, इस पर मंथन किया गया। साथ ही ऑपरेशनल कार्यक्षमता कैसे सुधारें, ऑपरेशनल कार्य करने के दौरान आ रही व्यवहारिक कठनाइयों, उसमें बदलाव की जरूरत, पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण, उनका कल्याण, कार्मिक सम्बन्धी मुद्दों, आदि पर बहुत ही गहरायी से मंथन किया गया। कार्यशाला में प्राप्त समस्याओं एवं सुझावों को एकत्र कर पुलिस मुख्यालय को प्रेषित किया जाएगा, जिस पर मुख्यालय में मंथन कर कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर के मुद्दों के सम्बन्ध में शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा
मंथन में जो वाल सामने आई उस पर अपना पक्ष रखते हुए डीजीपी ने कहा कि चीता मोबाइल मोटरसाइकलों को तेल की कमी नहीं होने दी जाएगी। चौकियों को भी एक मोटर साइकिल प्रदान किये जाने की मांग की गयी। महिला हल्पडेस्क एवं चीता मोबाइल को सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान किये जाएंगे। भविष्य में पुलिस चौकियों को भी सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान किये जाने का प्रयास किया जाएगा। पुराने निरीक्षकों, उप निरीक्षकों एवं आरक्षियों को आधुनिक बनाया जाएगा। इस के लिए पुलिस लाइन व बटालियनों में उन्हें प्रशिक्षण कराया जाएगा, जिससे वे भी तकनीक का बखूबी इस्तमाल कर सकें। विशेषज्ञ सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक एवं उप निरीक्षकों की मानदेय पर विवेचना में सहायतार्थ सेवा ली जाएगी। सभी जवनों में स्मार्ट बैरक्स को लेकर काफी खुशी है। इनसे उनके रहन सहन का स्तर उभरा है। स्माट बैरक्स की तर्ज पर अब थानें एवं चौकियों के शौचालयों को भी स्मार्ट बनाया जाएगा। पुलिस कर्मियों के वेलफेयर के तहत शुरू की गयी व्हाट्सएप पर छुट्टी के लिए आवेदन करने की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। पुलिस कर्मियों द्वारा अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन एवं सालगिराह पर आकस्मिक अवकाश के लिए अनुरोध किया जाता है, तो उन्हें तुरंत अवकाश दिया जाएगा। पीएसी जहां पर स्थायी रूप से निवास कर रही है, वहां पर उनकी रहने के स्तर में सुधार के लिए सेनानायक 31वीं वाहिनी पीएसी की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है। पब्लिक प्रेशर में निलंबित या लाइन हाजिर किये गये कर्मियों की प्राथमिकता के आधार पर 3 दिवस के भीतर जांच पूर्ण कर प्रकरण की समीक्षा की जाएगी। पुलिस कर्मियों में तनाव मुक्ति के लिए उत्तराखण्ड पुलिस वाईव्स वेलफेयर एसोसिएशन (उपवा) के तत्वाधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
कार्यशाला में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध कानून एवं व्यवस्था डॉ. वी. मुरुगेशन, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना एवं सुरक्षा  एपी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, एससीआरबी व महा समादेष्टा होमगार्ड व सिविल डिफेन्स केवल खुराना, पुलिस उप महानिरीक्षक, प्रशिक्षण बरिन्दरजीत सिंह सहित सभी जनपदों व पीएसी वाहिनियों एवं पुलिस विभाग की विभिन्न ईकाईयों के आरक्षी से पुलिस महानिरीक्षक स्तर के कुल 166 अधिकारियों व कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।

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