उत्तराखण्डदेहरादून
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बोले, जोशीमठ रिपोर्ट के बाद उपचार में ढिलाई पर कांग्रेस जबावदेह, इस आपदा के समाधान और प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम में जुटी है सरकार
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साधा निशाना ,1976 की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस बताए उसने अपने पूर्व के अधिकांश कार्यकाल में इस पर क्या किया
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कहा, आपदा में अवसर तलाशते हुए सरकार को बदनाम करने के प्रयासों में जुटा है विपक्ष
देहरादून । भाजपा ने कहा कि जोशीमठ भू धँसाव पर प्रवचन कर रही कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि 1976 की जिस रिपोर्ट को लेकर वह सरकार पर सवाल उठा रही है, उसने पूर्व के अधिकांश कार्यकाल में इस पर क्या कार्य किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जिस काल खंड मे यह रिपोर्ट आयी उसके बाद तो अधिकांश समय कॉंग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शासन में रही है। इसलिए उसे बताना चाहिए कि उन्होने रिपोर्ट के अनुसार कौन कौन से प्रशासनिक, वैज्ञानिक या तकनीकी उपाय जोशीमठ मे क्रियान्वित किये।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि इस आपदा के समाधान व प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम करने में जुटी है ,वहीं विपक्ष आपदा में अवसर तलाशते हुए सरकार को बदनाम करने के प्रयासों में जुटा है । उन्होंने कहा कि जोशीमठ मे पीड़ितों के साथ खड़ा होना सभी के लिए जरूरी है, लेकिन इस मौके पर भी कांग्रेस मे प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक दूसरे को मात देने के लिए रेस चल रही है। कौन कितना सक्रिय है और कौन पिछड़ गया है हाईकमान के सामने यह प्रदर्शन की भावना पीड़ितों की भावनाओं के साथ भी छलावा है।
सरकार भू धँसाव की समस्या व प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी तात्कालिक व दीर्घकालीन उपायों को अंजाम दे रही है। भाजपा का संगठन भी जोशीमठ निवासियों की इस दुख तकलीफो के समय सरकार के साथ वहाँ कार्य कर रहा है । कॉंग्रेस के नेता इस आपदा व संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनैतिक बयानबाजियों में लगे हैं। एक गैर जिम्मेदाराना राजनैतिक पार्टी की भांति, उनका कभी झूठे आरोप लगाकर मौन हो जाना, कभी सरकार पर समस्या के प्रति मौन होने के अनर्गल आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है |
भट्ट ने कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस विपदा की घड़ी में सरकार, भाजपा संगठन व समूचा प्रदेश जोशीमठ के लोगों के साथ खड़ा है। उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि ऐसे कठिन समय पर बयानों से मौन हो या न हों लेकिन अपनी संवेदनाओं को मौन कतई न होने दे और सकारात्मक रुख अपनाए।